गुजरात के विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने गुरूवार को पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में बीजेपी ने 160 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। लिस्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल घाटलोडिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, वरिष्ठ नेता और विधायक भूपेंद्र सिंह चूड़ास्मा ने लिस्ट जारी होने से ठीक पहले मीडिया से कहा कि वे इस बार विधानसभा चुनाव में नहीं उतरेंगे।
राज्य में 1 व 5 दिसंबर को वोटिंग होगी और 8 दिसंबर को नतीजे आएंगे। पहले चरण में 89 सीटों पर और दूसरे चरण में 93 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। साफ है कि चुनाव प्रचार के लिए 25 दिन का वक्त सभी राजनीतिक दलों के पास है।
पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने एएनआई से कहा है कि उन्होंने चुनाव ना लड़ने के फैसले के बारे में पार्टी के नेतृत्व को पहले ही बता दिया था। विजय रुपाणी 5 साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं। इसके अलावा पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, वरिष्ठ नेता और विधायक भूपेंद्र सिंह चूड़ास्मा ने भी कहा है कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व को चुनाव न लड़ने के अपने फैसले के बारे में जानकारी दे दी थी।
गुजरात में विधानसभा की कुल 182 सीटें हैं और अब बीजेपी को बाकी 22 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करना है।
ये हैं प्रमुख नाम
गृह मंत्री हर्ष संघवी को मजुरा, हार्दिक पटेल को वीरमगाम, क्रिकेटर रवींद्र सिंह जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा को जामनगर उत्तम सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है।
हार्दिक पटेल पाटीदार युवाओं के बीच खासे लोकप्रिय हैं और बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को उनकी लोकप्रियता का फायदा भी मिला था। लेकिन इस बार उनके न होने से कांग्रेस को सौराष्ट्र और कच्छ के इलाकों में नुकसान हो सकता है। पूर्व विधायक कांतिलाल अमृतिया को मोरबी से टिकट दिया गया है। मोरबी के मौजूदा विधायक बृजेश मेरजा का टिकट काट दिया गया है।
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 99 सीटें जीती थीं और कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं। बीजेपी को तब 49% वोट मिले थे जबकि कांग्रेस ने 44% वोट हासिल किए थे। आम आदमी पार्टी ने तब सिर्फ 30 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे थे और अधिकतर सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी।
27 साल का सूखा
गुजरात में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होने की चर्चाओं के बीच कांग्रेस राज्य में 5 यात्राएं निकाल रही है। इन यात्राओं के जरिये पार्टी 5,432 किलोमीटर की दूरी तय कर 175 विधानसभा सीटों को कवर करेगी। यात्रा के दौरान 145 जनसभाएं और 95 रैलियां होंगी। इन यात्राओं को परिवर्तन संकल्प यात्राओं का नाम दिया गया है।
गुजरात में कांग्रेस पिछले 27 साल से सत्ता से बाहर है। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में किए गए बेहतर प्रदर्शन के बाद कांग्रेस को लगातार झटके लगे और 17 विधायक और कई नेता पार्टी छोड़ कर जा चुके हैं।
मोरबी बना मुद्दा
कांग्रेस के नेता मोरबी जिले में हुए हादसे के साथ ही कोरोना से निपटने में राज्य सरकार की कथित नाकामियों को भी चुनाव में मुद्दा बना रहे हैं। कोरोना के दौरान गुजरात में बड़ी संख्या में लोगों की जान गई थी। कांग्रेस बेरोजगारी और महंगाई को भी मुद्दा रही है लेकिन उसका पूरा जोर मोरबी में हुए हादसे को लेकर राज्य सरकार को घेरने पर है।
आम आदमी पार्टी क्या करेगी?
गुजरात के चुनाव में इस बार कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी शहरी सीटों पर बीजेपी को टक्कर दे सकती है। आम आदमी पार्टी पंजाब में मिली बड़ी जीत के बाद लगातार गुजरात पर फोकस कर रही है और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल गुजरात में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने का दावा करते हैं। हालांकि गुजरात की राजनीति अब तक दोध्रुवीय ही रही है और ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि गुजरात में आम आदमी पार्टी चमत्कारिक प्रदर्शन कर पाएगी।
इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम भी मुस्लिम बहुल सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उन इलाकों में कांग्रेस को मिलने वाले वाले वोट बंट सकते हैं।
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