गुजरात में विधानसभा चुनाव में व्यस्त अमित शाह का अब कट्टरपंथ पर एक रोचक बयान आया है। उनका कहना है कि कट्टरपंथ एक संप्रदाय तक ही सीमित नहीं है। तो क्या उनके कहने का मतलब है कि कट्टरपंथ हिंदू, मुसलिम जैसे सभी धर्मों में है? हालाँकि, उन्होंने किसी संप्रदाय का नाम तो नहीं लिया है, लेकिन उनके बयान का मतलब समझना क्या इतना मुश्किल है?
कट्टरपंथ एक संप्रदाय तक सीमित नहीं: अमित शाह
- गुजरात
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- 30 Dec, 2022
क्या गृहमंत्री अमित शाह को भी अब यह लगने लगा है कि कट्टरपंथ हर संप्रदाय में दिखने लगा है और यह किसी धर्म विशेष तक सीमित नहीं है? आख़िर उन्होंने क्यों कहा कि कट्टरपंथ एक संप्रदाय तक सीमित नहीं है?

अमित शाह का यह बयान उस संदर्भ में आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि बीजेपी राज्य ईकाई की ओर से कट्टरपंथ विरोधी प्रकोष्ठ स्थापित करने की घोषणा एक अच्छी पहल है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि इस पर केंद्र और अन्य राज्य विचार कर सकते हैं।