पिछले हफ़्ते की भारत-पाक मुठभेड़ से हमारे पत्रकार बंधुओं को बड़ी नसीहत लेने की ज़रूरत है। ख़ास तौर से हमारे वायु-सेना प्रमुख एयर मार्शल बी.एस. धनोआ के बयान के बाद! धनोआ ने कोयम्बटूर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 26 फ़रवरी को पाकिस्तान में घुसकर जब हमारे जहाजों ने बालाकोट पर बम बरसाए तो ‘हमें पता नहीं कि कितने लोग मारे गए। हमारा काम निशाने को ठोक देना है, लाशें गिनना नहीं हैं।’