राज्यसभा सांसद और सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने झारखंड के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है, मुझे लगता है कि भारत के इतिहास में शायद ही ऐसा कभी हुआ है कि जब एक मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया हो।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईडी की गिरफ्तारी के खिलाफ हेमंत सोरेन की याचिका पर विचार करने से इंकार करने पर उन्होंने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट को हमें बताना चाहिए कि किन मामलों को लेकर हम यहां आ सकते हैं और किन मामले में हम यहां नहीं आ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि, हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी हुई। गुरुवार को हमने चीफ जस्टिस साहब को कहा कि इसकी जल्दी सुनवाई होनी चाहिए। उन्होंने शुक्रवार को एक स्पेशल बेंच बनाई। उस स्पेशल बेंच ने हमें कहा कि आप हाईकोर्ट जाइये। वहां आपके खिलाफ कोई आर्डर होता है या आपको राहत नहीं मिलती है तब आप सुप्रीम कोर्ट आएं।
उन्होंने कहा कि, केवल हमें ये जानकारी मिलनी चाहिए कि कोर्ट के द्वारा कि किस मुद्दें पर हमें यहां आना चाहिए और किस मुद्दे पर हम नहीं आ सकते हैं। हमलोगों को नहीं मालूम रहता कि अगर हम ऐसी याचिका डालेंगे तो सुप्रीम कोर्ट इस पर चर्चा करेगी, नहीं करेगी।
हमें तो इतिहास का मालूम है, और हमें यह भी मालूम है कि आर्टिकल 32 हमारा एक फंडामेंटल राइट है। उन्होंने कहा कि जनता के सामने कुछ बातें रखना चाहता हूं जिससे साफ जाहिर हो जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट को कोई सिस्टम बनाना चाहिए, कोई पॉलिसी बनानी चाहिए जिसके आधार पर जनता को मालूम हो कि कब सुप्रीम कोर्ट आए और कब नहीं।
उन्होंने कहा कि मैं कुछ उदाहरण देना चाहता हूं कि, अर्णव गोस्वामी के मामले में तुरंत याचिका दाखिल हुई और सुप्रीम कोर्ट ने उसे स्वीकार कर राहत दी। विनोद दुआ के मामले में भी ऐसा हुआ।
पुराने मामले को देखे तो मधु लिमए के मामले में संवैधानिक पीठ ने सुनवाई की थी। केरला यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट मामले में भी आर्टिकल 32 में सुनवाई हुई। अमीश देवगन के मामले में भी सुनवाई हुई। नुपुर शर्मा मामले में 32 के तहत याचिका थी। उन्होंने कहा कि मैं ऐसे सैकड़ों उदाहरण देकर बता सकता हूं कि ऐसे मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है।
केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि, यह सरकार नहीं चाहती कि विपक्ष का कोई मुख्यमंत्री रहे। अब वे अरविंद केजरीवाल के साथ भी ऐसा ही करेंगे। क्योंकि उनका मकसद है कि डबल इंजन की सरकार होनी चाहिए और विपक्ष की सरकार नहीं रहे। डबल इंजन की सरकार का मतलब यही है कि केंद्र और राज्य में इनकी ही सरकार रहे।
कपिल सिब्बल ने कहा है कि हेमंत सोरेन के खिलाफ अब 10 और मामले दर्ज किए जाएंगे ताकि वह जेल से बाहर नहीं आ पाएं। उन्होंने भाजपा पर इशारा करते हुए कहा कि इस सबके पीछे कोशिश है कि आपको 2024 के चुनाव में फायदा मिले।
उन्होंने सवाल पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट अगर हमारी बात नहीं सुनेगा तो हम कहां जाएंगे? उन्होंने सवाल उठाया कि आर्टिकल 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट जब दूसरे लोगों की सुनवाई कर सकता है, ईडी की याचिका पर सुनवाई कर सकता है तो हेमंत मामले की क्यों नहीं?
ध्यान रहे कि, कपिल सिब्बल ही सुप्रीम कोर्ट में हेमंत सोरेन का पक्ष रख रहे हैं। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद वह सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर गए थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने को कहा था।
अपनी राय बतायें