'निहंग' समुदाय के एक सदस्य ने शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर निर्मम हत्या की ज़िम्मेदारी लेते हुए आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस के अनुसार, निहंग सरवजीत सिंह ने हत्या की ज़िम्मेदारी ली है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। उसका मेडिकल कराया गया है। पुलिस उसकी पहचान करने के लिए सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो का इस्तेमाल करेगी। शनिवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
इस मामले में पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री एमएल खट्टर कह चुके हैं कि इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। खट्टर ने चंडीगढ़ में अपने आवास पर एक बैठक की थी जिसमें गृह मंत्री अनिल विज और हरियाणा पुलिस के डीजीपी शामिल थे।
इससे पहले उस व्यक्ति की हत्या के मामले में हरियाणा पुलिस ने कहा था कि उसे जल्द ही गिरफ्तारी की उम्मीद की है। उसने आज शाम को ही कहा था कि पुलिस ने कथित रूप से ज़िम्मेदार कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है। सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल के मुख्य मंच के पास ही शुक्रवार सुबह तरनतारन निवासी लखबीर सिंह का शव मिला है। उसकी बायीं कलाई कटी हुई थी। शव बैरिकेड्स से बंधा हुआ था। पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है। पुलिस उपाधीक्षक हंसराज ने सुबह कहा था कि 'आज सुबह क़रीब पाँच बजे किसानों के विरोध प्रदर्शन वाली जगह (कुंडली, सोनीपत में) पर एक शव लटकाया हुआ मिला जिसके हाथ, पैर काटे गए थे। इसका पता नहीं है कि कौन दोषी है।'
इस मामले में हरियाणा सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार शाम को कहा था कि जिन कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है उनके जल्द ही गिरफ्तार किए जाने की संभावना है। 'द इंडियन एक्सप्रेस' से बात करते हुए हरियाणा सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था, 'कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। आईजीपी (रोहतक रेंज) संदीप खिरवार और अन्य वरिष्ठ कुंडली में अधिकारी मौजूद हैं और मामले की जांच कर रहे हैं।'
दोपहर में आईजीपी खिरवार ने सोनीपत ज़िला पुलिस अधिकारियों और ज़िला प्रशासन की बैठक की अध्यक्षता की थी। कुंडली क्षेत्र को पुलिस छावनी में बदल दिया गया और अधिकारियों द्वारा अपराध स्थल का निरीक्षण किया गया।
पुलिस के अनुसार, उसको सूचना मिली थी कि सिंघु सीमा पर धरना स्थल के पास एक व्यक्ति को फांसी पर लटका कर बैरिकेड्स से बांध दिया गया है और उसका हाथ काट दिया गया है।
पुलिस के अनुसार, जब तक पुलिस पहुंची तब तक व्यक्ति की मौत हो चुकी थी। कुछ लोग वहीं खड़े थे। पुलिस ने शव को बाहर निकालने का प्रयास किया तो मौक़े पर मौजूद कुछ लोगों ने विरोध किया।
बता दें कि सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने हत्या के मामले से खुद को अलग कर लिया है। इसने कहा है कि न तो उस हत्या की कथित तौर पर ज़िम्मेदारी लेने वाले और न ही मारा गया शख्स संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े हैं। किसान संघों के इस संगठन ने हत्या की निंदा की है और पुलिस जाँच में सहयोग करने का आश्वासन दिया है।
संयुक्त किसान मोर्चा यानी एसकेएम ने एक बयान में कहा, 'मौके पर एक निहंग समूह ने ज़िम्मेदारी लेने का दावा किया है, यह कहते हुए कि यह घटना मृतक के सर्बलोह ग्रंथ के संबंध में बेअदबी करने के प्रयास के कारण हुई... एसकेएम इस निर्मम हत्या की निंदा करता है। और यह स्पष्ट करना चाहता है कि दोनों पक्षों- निहंग समूह और मृतक - का एसकेएम से कोई संबंध नहीं है।'
इसने आगे कहा, 'मोर्चा किसी भी धार्मिक पाठ या प्रतीक की बेअदबी के ख़िलाफ़ है, लेकिन यह किसी को भी क़ानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं देता है। हम मांग करते हैं कि हत्या और बेअदबी के पीछे साज़िश के आरोप की जाँच कर दोषियों को क़ानून के मुताबिक़ सज़ा दी जाए। एसकेएम पुलिस और प्रशासन का सहयोग करेगा।'
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