केंद्र द्वारा दिल्ली राज्य सिविल सेवा प्राधिकरण अध्यादेश लाए जाने के कुछ घंटों बाद आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से डरते हैं। आतिशी ने कहा, "वह जानते हैं कि अगर अरविंद केजरीवाल को 6 महीने के लिए भी सत्ता दी जाती है, तो वे चमत्कार कर सकते हैं जो पूरे देश को लोकतंत्र और ईमानदार राजनीति की ताकत दिखाएगा। यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा दिल्ली सरकार को दी गई शक्तियों को असंवैधानिक रूप से छीनने का एक प्रयास है।" इसी तरह आप सांसद संजय सिंह ने भी अलग से प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मोदी सरकार पर निशाना साधा। संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली के लोकप्रिय सीएम जिन्हें दिल्ली की जनता ने 3 बार प्रचंड बहुमत देकर चुना
पीएम मोदी उनसे इतने डरे हुए हैं कि उनका एक ही मक़सद रह गया है
केजरीवाल को दिल्ली के लोगों के कोई काम नहीं करने देना!
चाहे सुप्रीम कोर्ट के पैसले के ख़िलाफ़ अध्यादेश ही क्यों ना लाना पड़े
दिल्ली आम आदमी पार्टी सरकार के साथ नए सिरे से टकराव के लिए मंच तैयार करते हुए, केंद्र ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के लिए एक अध्यादेश जारी किया, जिसके पास ग्रुप ए के सभी अधिकारियों और दानिक्स के अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग की सिफारिश करने की पावर होगी। सेवा मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा पारित अध्यादेश को 'धोखाधड़ी' और 'छल' बताया।
आतिशी कहती हैं, "ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि मोदीजी अरविंद केजरीवाल से डरते हैं, उन्हें पता है कि अगर अरविंद केजरीवाल को 6 महीने के लिए भी सत्ता दे दी जाए तो वे चमत्कार कर सकते हैं जो पूरे देश को लोकतंत्र और ईमानदार राजनीति की ताकत दिखाएगा।"
संजय सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस
संजय सिंह ने कहा - केजरीवाल ने 2016 में कहा था कि नोटबंदी दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला है। जबकि चौथी पास राजा ने कहा 2000 का नोट लाने से आतंकवाद, भ्रष्टाचार ख़त्म हो जाएगा
अब कह रहे हैं हटाने से भ्रष्टाचार ख़त्म हो जाएगा। अनपढ़ आदमी को पीएम बनाएँगे तो कोई भी, कुछ भी पट्टी पढ़ा देगा। ये आपातकाल है।
जब सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आया तो केजरीवाल जी ने कहा था कि प्रधानमंत्री को एक पिता की भूमिका निभानी है
ये ऐसा पिता है जो अपने बच्चों के लोकतंत्र- संविधान का गला घोंटने में लगा है। पीएम मोदी को संविधान में यक़ीन नहीं है, सिर्फ़ तानाशाही चलानी है।
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