कंझावला मामले में पीड़िता अंजलि सिंह के परिजन सुल्तानपुरी पुलिस थाने के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। उनकी मांग है कि अंजलि की मौत के मुकदमे में हत्या की धारा 302 को भी जोड़ा जाए। धरने पर बैठे अंजलि के मामा और अन्य परिजनों ने पूछा है कि अंजलि की मौत के मामले में अभियुक्तों के खिलाफ धारा 302 क्यों नहीं लगाई जा रही है।
अंजलि के मामा ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि जब इस मामले के अभियुक्तों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है तो पुलिस उनके खिलाफ धारा 302 क्यों नहीं लगा रही है।
धरने पर बैठे अन्य परिजनों ने कहा कि अगर अंजलि के साथ हुआ हादसा सिर्फ एक दुर्घटना होती तो अंजलि आज हमारे बीच में होती लेकिन स्कूटी की कार से टक्कर के बाद 13 किलोमीटर तक अंजलि को घसीटा गया।
उन्होंने सवाल उठाया कि अगर अंजलि किसी बड़े अफसर, मंत्री के परिवार की बेटी होती क्या दिल्ली पुलिस तब भी इतने धीरे-धीरे काम करती।
बता दें कि 1 जनवरी को तड़के हुए हादसे में कार से स्कूटी की टक्कर होने के बाद अभियुक्तों ने अंजलि को 10 से 12 किलोमीटर तक घसीटा था और इसमें उसकी जान चली गई थी। अजंलि की उम्र 20 साल थी।
अंजलि के घर हुई चोरी
सोमवार को अंजलि के घर पर चोरी हुई थी और परिजनों ने इसका आरोप उसकी दोस्त निधि पर लगाया था। बता दें कि 1 जनवरी को तड़के जब अंजलि कार दुर्घटना का शिकार हुई थी तो निधि उसके साथ स्कूटी की पिछली सीट पर बैठी थी।
अंजलि के परिवार के सदस्यों ने दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि पिछले 8 दिन से पुलिस हमारे घर के बाहर तैनात थी लेकिन चोरी वाली रात को कोई भी नहीं था। पुलिस ने कहा है कि वह मामले की जांच कर रही है।
अंजलि की बहन ने कहा था कि उनके पड़ोसियों के घरों के दरवाजों के बाहर से कुंडी लगा दी गई थी और हो सकता है कि निधि उनके घर में कुछ रखवाना चाहती हो।
अंजलि के परिजनों और स्थानीय लोगों ने बीते हफ्ते अंजलि की दोस्त निधि के घर के बाहर प्रदर्शन किया था और उसकी गिरफ्तारी की मांग की थी। परिजनों की मांग थी कि इस मामले की सीबीआई जांच की जानी चाहिए।
देखना होगा कि क्या दिल्ली पुलिस अंजलि की मौत के मामले में धारा 302 को लागू करेगी।
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