दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से कहा है कि वह जैस्मीन शाह को दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (डीडीडीसी) के उपाध्यक्ष पद से हटाएं। यह आरोप लगाया गया है कि शाह ने अपने दफ्तर का दुरुपयोग राजनीतिक कारणों के लिए किया है। डीडीडीसी को दिल्ली सरकार का थिंकटैंक माना जाता है।
एलजी ने मुख्यमंत्री को निर्देश दिया है कि वह जैस्मीन शाह के डीडीडीसी के उपाध्यक्ष के तौर पर काम करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाएं। एलजी के आदेश के बाद सिविल लाइन इलाके के एसडीएम ने गुरुवार रात को डीडीडीसी के दफ्तर को सील कर दिया।
जैस्मीन शाह साल 2014 में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे और 2018 में उन्हें डीडीडीसी का उपाध्यक्ष बनाया गया था। डीडीडीसी के उपाध्यक्ष के पद को दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री के पद के समकक्ष माना जाता है।
बता दें कि एलजी सचिवालय को बिजली वितरण करने वाली कंपनी बीएसईएस को दिल्ली सरकार द्वारा दी जा रही पावर सब्सिडी में गड़बड़ियों को लेकर शिकायत मिली थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि इस मामले में जैस्मीन शाह और नवीन गुप्ता ने बड़ा घोटाला किया है। नवीन गुप्ता आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता के बेटे हैं। शिकायत मिलने पर एलजी सक्सेना ने इस मामले में 7 दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी थी।
सितंबर में दिल्ली बीजेपी के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने आरोप लगाया था कि डीडीडीसी के उपाध्यक्ष के रूप में जैस्मीन शाह आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता की तरह काम कर रहे हैं और यह पूरी तरह से नियमों का उल्लंघन है।
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उपराज्यपाल के साथ टकराव
दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी का एलजी सक्सेना के साथ बीते कुछ महीनों से लगातार टकराव चल रहा है। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने उपराज्यपाल पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग का चेयरमैन रहते हुए भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए थे। इसे लेकर आम आदमी पार्टी के विधायकों ने दिल्ली की विधानसभा में रात भर धरना भी दिया था।
आम आदमी पार्टी का कहना था कि जब देश नोटबंदी के दौरान लाइनों में लगा था तब उपराज्यपाल सक्सेना काले धन को सफेद बनाने में लगे थे और उस दौरान वह खादी और ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन के पद पर थे।
आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल पर अपनी बेटी को नियमों के खिलाफ जाकर मुंबई में खादी लाउंज के इंटीरियर डिजाइनिंग का ठेका दिलाने का मामला भी उठाया था।
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सितंबर में एलजी ने दिल्ली सरकार द्वारा 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद की केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई से जांच कराने को मंजूरी दी थी। इससे पहले एलजी ने केजरीवाल सरकार द्वारा लाई गई और फिर वापस ली गई आबकारी नीति की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इसके बाद बीजेपी, कांग्रेस केजरीवाल सरकार के खिलाफ मैदान में उतर आए थे।
इस मामले में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर सीबीआई ने छापेमारी की और गाजियाबाद के एक बैंक में उनके लॉकर को भी खंगाला गया और कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
एमसीडी चुनाव के बीच रार
दिल्ली और पंजाब में अपनी सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी एमसीडी के चुनाव को जीतने के लिए पूरा जोर लगा रही है। लेकिन कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन की ईडी के द्वारा गिरफ्तारी और उनका सलाखों के पीछे जाना, आबकारी मामले में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ जांच एजेंसियों की कार्रवाई, पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम पर कथित रूप से हिंदू देवी-देवताओं के अपमान का आरोप, विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी पर लगे घूस लेने के आरोप और उनके रिश्तेदारों की गिरफ्तारी और अब जैस्मीन शाह को डीडीडीसी के उपाध्यक्ष पद से हटाने के आदेश से आम आदमी पार्टी की मुश्किलें एमसीडी के चुनाव में बढ़ सकती हैं।
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