लोकेश सोलंकी, सुमित चौधरी, अंकित चौधरी, पंकज शर्मा, हितेश, पवन, ऋषभ चौधरी जैसे 205 हिंदू नाम हैं जो दिल्ली हिंसा में आरोपी बनाए गए हैं। ये नाम सिर्फ़ मैं आपको बता रहा हूँ। इस एक्सक्लूसिव जानकारी को निकालने के पीछे एक मक़सद था। मक़सद यह कि दिल्ली पुलिस के दावों की पड़ताल की जाए। यह पड़ताल इसलिए क्योंकि दिल्ली हिंसा की जाँच से लेकर चार्जशीट दाखिल करने तक में पुलिस बारबार निष्पक्ष और पेशेवर जाँच करने का दावा कर रही थी। इस पड़ताल को आगे बढ़ाएँ इससे पहले शनिवार को दाखिल चार्जशीट के बारे में जान लेते हैं।
शनिवार को दाखिल चार्जशीट
शनिवार को पुलिस ने दयालपुर थाने में दर्ज एफ़आईआर नम्बर 75/2020 के मामले में चार्जशीट दाखिल की। यह मामला राहुल सोलंकी से जुड़ा हुआ है। 27 साल का राहुल 24 फ़रवरी की शाम 5 बजे अपने घर से कुछ दूर सामान लेने गया था। शिव विहार तिराहा इलाक़े में हिंसा के दौरान सोलंकी को गोली लग गयी थी। चार्जशीट में कहा गया है कि इस मामले में सीसीटीवी फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों का बयान है। इसी के आधार पर 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 7 लोग ही इस मामले में आरोपी हैं। मुख्य आरोपी सलमान को बनाया गया है। आरोप है कि सलमान ने ही एक ख़ास समुदाय के लोगों पर गोली चलाई। उससे .32 बोर की पिस्टल बरामद की जा चुकी है। अन्य आरोपियों की पहचान के लिए लगातार जाँच जारी है। आरोपियों पर हत्या, साज़िश और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था।
चार्जशीट और जाँच का हिसाब किताब
दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में अगर शनिवार को राहुल सोलंकी हत्या मामले में दाखिल चार्जशीट को भी शामिल कर लिया जाए तो ताहिर हुसैन सहित 212 नाम मुसलिम समुदाय के हैं। शुक्रवार तक दाखिल चार्जशीट में दोनों समुदाय के लोगों की संख्या बराबर थी। यानी कुल 410 लोगों के ख़िलाफ़ चार्जशीट हुई थी जिसमें 205 हिंदू और इतने ही मुसलिम समुदाय के लोग थे। उपरोक्त तथ्य का उल्लेख इसलिए इसलिए भी ज़रूरी हो जाता है कि दंगे का कोई धर्म नहीं होता, यह एक बार फिर सामने आया है। चार्जशीट में शामिल किए गए नाम, जाँच में दिल्ली पुलिस पर पक्षपात का सवाल उठाने वालों को भी जवाब दे रहे हैं।
पुलिस के वरिष्ठ अफ़सर कहते हैं कि जाँचकर्ता के लिए ना तो कोई हिंदू होता है ना मुसलिम। इन अफ़सरों के मुताबिक़ जाँच में जैसे-जैसे और जिसके ख़िलाफ़ सबूत मिलते जाते हैं चार्जशीट बनाई जाती है।
दिल्ली हिंसा में अब तक गिरफ्तारी
दिल्ली हिंसा के मामले में तीन स्तरों पर गिरफ़्तारी की गयी है। पुलिस क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने 332 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है। इनमें से 325 अभी जेल में हैं। इस मामले में उत्तर-पूर्वी दिल्ली पुलिस ने 982 और स्पेशल सेल ने 14 लोग गिरफ्तार किए। यानी दिल्ली हिंसा में अब तक कुल 1328 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। और अगर सबको मिला लिया जाए तो लगभग 1100 लोग अभी भी जेल में हैं।
अब अगर आरोपीवार चार्जशीट को देखा जाए तो शुक्रवार तक दाखिल केस वार 78 चार्जशीट में 410 लोगों को आरोपी बनाया जा चुका है। इनमें शुक्रवार तक 205 हिंदू और इतने ही मुसलिम समुदाय के लोग शामिल थे।
चार्जशीट दाखिल करना ट्रायल के पहले की कार्यवाही है। दिल्ली हिंसा की समाप्ति के बाद पुलिस ने 700 क्रिमिनल केस दर्ज किए थे। ग़ौरतलब है कि दिल्ली हिंसा में 53 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए थे। 23 से 25 फ़रवरी तक हुए इस दंगे के बाद सियासत से जुड़े लोगों ने भी अपने-अपने सियासी दावे किए थे। पुलिस पर भी प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से तमाम आरोप लगाए गए। मगर दो महीने के भीतर दाखिल चार्जशीट ने सियासी दावों की पोल खोलनी शुरू की है।
दिल्ली हिंसा के मामले में स्थानीय पुलिस जो दंगा, हिंसा और संपत्तियों को नुक़सान पहुँचाने आदि का मामला देख रही थी उसने अब तक 164 हिंदू और 142 मुसलिम समुदाय के लोगों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल की है।
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