मनुष्य जब अक्षम होता है तब उसे किसी सक्षम व्यक्ति से सेवा की ज़रूरत होती है और सक्षम मनुष्य अक्सर सबको उपदेश देते हुए पाया जाता है। दिल्ली विधानसभा का चुनावी दंगल सेवक और उपदेशक का दंगल था। दिल्ली के 30-40% सक्षम लोगों का प्रतिनिधित्व बीजेपी कर रही थी। बीजेपी का उपदेश राष्ट्रवाद के लिबास में था जिसके अंदर धर्म, संस्कृति, परंपरा आदि निहित थे। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी (आप) सेवा का जामा पहनी हुई थी जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी की सुविधाएं शामिल थीं।