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केजरीवाल और बैकग्राउंड में सीएम निवास का यह पोस्टर बीजेपी ने चुनाव के दौरान जारी किया था।

केजरीवाल की मुसीबतः केंद्र ने 'शीश महल' मामले की जांच का आदेश दिया

केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पहले के आवास 6 फ्लैगस्टाफ बंगले के सुंदरीकरण और अन्य लग्जरी पर हुए खर्च की विस्तृत जांच का आदेश दिया है। यह दिल्ली के सीएम का सरकारी आवास है। केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने इसे आलीशान बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। बीजेपी ने चुनाव में इसे शीश महल नाम दिया था। हालांकि अब बीजेपी शासित दिल्ली के भावी सीएम को भी इसी आवास में रहना होगा।
  • इस तरह केजरीवाल के खिलाफ अब सीबीआई के बाद सीवीसी भी इस मामले की जांच करेगी। हालांकि एसीबी और ईडी भी अलग-अलग मामलों में उनके खिलाफ पहले से ही जांच कर रही हैं।
केंद्र की मोदी सरकार के तहत काम करने वाले सीवीसी ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को यह विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है कि क्या 40,000 वर्ग गज (8 एकड़) में फैले एक भव्य महल (शीश महल) के निर्माण के लिए भवन नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं।
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भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर सीपीडब्ल्यूडी ने अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक सीएम आवास पर 13 फरवरी को तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश की है। 14 अक्टूबर 2024 को, गुप्ता ने पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व आवास, 6 फ्लैग स्टाफ रोड पर अवैध निर्माण के संबंध में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के पास शिकायत दर्ज कराई थी।
गुप्ता ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने 40,000 वर्ग गज (8 एकड़) में फैले एक भव्य महल (बीजेपी ने इसको 'शीश महल' कहा था) के निर्माण के लिए भवन नियमों का उल्लंघन किया। शिकायत में कहा गया कि राजपुर रोड पर प्लॉट नंबर 45 और 47 (जहां पहले वरिष्ठ अधिकारियों और जजों के टाइप-5 फ्लैट थे) और दो बंगले (8-ए और 8-बी, फ्लैग स्टाफ रोड) सहित सरकारी संपत्तियों को ध्वस्त कर नए आवास में मिला दिया गया, जिसमें ग्राउंड कवरेज और फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) मानदंडों का उल्लंघन किया गया और उचित लेआउट योजना अनुमोदन का अभाव था।
16 अक्टूबर को, सीवीसी ने इस शिकायत का संज्ञान लिया। नवंबर 2024 में, सीवीसी ने शिकायत को आगे की जांच के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को भेजा। सीवीसी ने आश्वासन दिया कि तथ्यात्मक रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
यह बंगला 2015 से अक्टूबर 2024 तक केजरीवाल के आधिकारिक निवास के रूप में था। लेकिन कथित शराब घोटाले का मामला उछलने, केजरीवाल के जेल जाने और बाद में जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने वो सरकारी बंगला छोड़ दिया। उन्होंने कहा था कि अब जब दिल्ली की जनता उनकी पार्टी को बहुमत देगी तो वो सीएम बनेंगे। बीजेपी और कांग्रेस ने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में केजरीवाल, उनके पूर्व मंत्रियों के कथित भ्रष्टाचार को अपने चुनावी अभियान का मुख्य विषय बनाया था।
दिल्ली में एक राजनीतिक रैली के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि "पिछले 10 वर्षों में दिल्ली 'आपदा' से त्रस्त रही है। आप दिल्ली पर आफत बनकर आई है। मैं भी 'शीशमहल' बना सकता था, लेकिन मैंने गरीबों के लिए 4 करोड़ से अधिक घर बनाने का विकल्प चुना।" बीजेपी और कांग्रेस का केजरीवाल पर हमला काम कर गया। विधानसभा चुनाव में आप हार गई, उसे सिर्फ 22 सीटें मिलीं, जबकि बीजेपी को 48 सीटें मिलीं और उसने 27 वर्षों बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली।

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केजरीवाल और आप ने हमेशा भ्रष्टाचार के आरोपों का खंडन किया। केजरीवाल ने कहा था कि आरोपों को राजनीति के तहत लगाया गया है। केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया है। चुनाव के दौरान आप ने भी मोदी पर हमला करते हुए राजमहल का एनीमेटेड वीडियो जारी किया। अमित शाह के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए पोस्टर जारी किये गये। लेकिन आप मतदाताओं पर इन हमलों के जरिये कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाई।
(रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी)
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क़मर वहीद नक़वी
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