फ़िल्म- 'शेरनीडायरेक्टर- अमित मसूरकरस्टार कास्ट- विद्या बालन, विजय राज, बृजेन्द्र काला, शरत सक्सेना, नीरज काबी
फ़िल्म समीक्षा: बेज़ुबानों के लिए न्याय की पैरवी करती है ‘शेरनी’
- सिनेमा
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- 23 Jun, 2021

फ़िल्म का नाम शेरनी सुन ऐसा लगता है कि विद्या ने ऐसे किसी दमदार चरित्र का किरदार निभाया होगा जो खलनायकों से लड़ते फ़िल्म ख़त्म करता है पर यहाँ फ़िल्म की शेरनी एक टी टू नाम की मादा बाघ है जो आदमखोर बन जाती है।
स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म- अमेज़न प्राइम वीडियो
फ़िल्म की लंबाई- 130 मिनट
फ़िल्म प्रमाण पत्र- यूए 13+
चालीस की उम्र में आप किसी को बूढ़ा नहीं कह सकते तो युवा भी नहीं, इंसान की समझदारी अपने पूर्व अनुभवों से उस समय शीर्ष पर होती है। वही समझदारी अमित मसूरकर ने 'शेरनी' बनाते हुए दिखाई है, जिस वज़ह से यह उनकी 'न्यूटन' के बाद भारत की तरफ़ से ऑस्कर के लिए जाने वाली दूसरी फ़िल्म बन सकती है।
निर्देशक तो सिर्फ़ फ़िल्म बनाता है पर उसे निभा कर दर्शकों के सामने लाने का काम कलाकारों का होता है। यह ज़रूरी नहीं कि बॉलीवुड के खान ही फ़िल्मों को अच्छे से निभा पाएँ, वैसे भी अब उनका जमाना जाता दिख रहा है। 'डर्टी पिक्चर' और 'भूल-भुलैया' के बाद विद्या बालन अपनी कलाकारी को इस फ़िल्म में एक अलग ही श्रेणी में ले गई हैं और उनका बखूबी साथ निभाते नज़र आते हैं विजय राज। बृजेन्द्र काला और शरत सक्सेना के साथ नीरज काबी भी अपने अभिनय से छाप छोड़ जाते हैं।