loader

‘सैटेलाइट शंकर’ की कमज़ोर कहानी सूरज पंचोली को नहीं बना पाई ‘हीरो’

फ़िल्म- सैटेलाइट शंकर

डायरेक्टर- इरफ़ान कमाल

स्टार कास्ट- सूरज पंचोली, मेघा आकाश, पॉलोमी घोष

शैली- एक्शन-ड्रामा

रेटिंग- ⅖

डायरेक्टर इरफ़ान कमाल अपने दर्शकों के लिए फ़िल्म ‘सैटेलाइट शंकर’ लेकर आ रहे हैं, जो कि 8 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। ‘सैटेलाइट शंकर’ से आप ये मत समझिएगा कि शंकर भगवान के पास कोई सैटेलाइट होगी। बल्कि ये फ़िल्म एक फ़ौजी की कहानी पर आधारित है जिसका नाम शंकर है। फ़िल्म में एक्टर सूरज पंचोली मुख्य किरदार में हैं। तो आइये जानते हैं फ़िल्म की कहानी के बारे में।

सिनेमा से ख़ास

‘सैटेलाइट शंकर’ में क्या है?

सैटेलाइट शंकर की कहानी शुरू होती है शंकर (सूरज पंचोली) से जो कि एक फ़ौजी है और देश की रक्षा के लिए बॉर्डर पर तैनात है। शंकर को लोग सैटेलाइट शंकर कहते हैं क्योंकि इन्हें कई भाषाएँ आती हैं और साथ ही यह किसी की भी आवाज़ की हू-ब-हू नकल करना जानते हैं। शंकर को घर जाने के लिए 8 दिन की छुट्टी मिलती है और वह अपने सुहाने सफर के लिए निकलने के लिए तैयार होते हैं। फ़ौजी शंकर की किसी वजह से पहले ट्रेन छूट जाती है। इसके बाद शंकर किसी न किसी की मदद करने के चक्कर में अपने घर समय पर नहीं पहुँच पाते हैं। इसी बीच शंकर को फ़ेमस यूट्यूबर (पॉलोमी घोष) और ख़ास दोस्त प्रामिला (मेघा आकाश) मिलती हैं। 

लेकिन अचानक कुछ ऐसा होता है कि पूरा देश शंकर को उसके घर और वहाँ से वापस उन्हें उनके आर्मी बेस पर पहुंचाने की ठान लेता है। इसके बाद शंकर घर पहुँच पाता है या नहीं और वापस समय पर अपने आर्मी बेस पर कैसे आता है, यह जानने के लिए आपको 8 नवंबर को सिनेमाघर में फ़िल्म देखने जाना पड़ेगा।

कलाकारों की अदाकारी

फ़िल्म ‘सैटेलाइट शंकर’ में एक्टर सूरज पंचोली की एक्टिंग ठीक है और बेहतर हो सकती थी। लेकिन फ़ौजी के किरदार जैसा जोश सूरज में बख़ूबी देखने को मिला। कई जगहों पर सूरज चेहरे के सही भावों को दिखाने में नाकाम दिखे। तो वहीं एक्ट्रेस पॉलोमी घोष की एक्टिंग उनके किरदार के अनुसार फिट दिखी। अगर बात करें एक्ट्रेस मेघा आकाश की तो उन्हें ज़्यादा स्क्रीन नहीं मिली। लेकिन जितनी देर भी नज़र आईं मेघा ने अपनी एक्टिंग से दिल जीत लिया।

satellite shankar film review suraj pancholi acting - Satya Hindi
फ़िल्म ‘सैटेलाइट शंकर’ का एक दृश्य।

डायरेक्शन

डायरेक्टर इरफ़ान कमल एक नया आइडिया लेकर आए हैं लेकिन उन्होंने जिस ढंग से कहानी को परोसा है वह पसंद नहीं आई। फ़िल्म में थोड़ी एडिटिंग और कहानी थोड़ी और दिलचस्प की जा सकती थी। फ़िल्म में जो जगह चुनी गई वह काफ़ी उम्दा है लेकिन इसके अनुसार कहानी कई जगहों पर ढीली पड़ गई।

फ़िल्म की कमज़ोर कड़ियाँ

फ़िल्म ‘सैटेलाइट शंकर’ की कहानी फ़ौजी के जीवन में आने वाली मुश्किलों को लेकर बनाई गई है और कि कैसे एक फ़ौजी देश के बॉर्डर के अलावा कई और जंग भी लड़ता है। लेकिन इसकी कहानी आपको थोड़ा निराश कर सकती है। फ़िल्म में इतने इत्तेफ़ाक़ होते हैं कि आप सोचेंगे कि वाक़ई ऐसा कभी होता है क्या? कहानी कहीं से शुरू होकर कहीं और पहुँच जाती है और आख़िर में निष्कर्ष कुछ और निकल कर आएगा।

ताज़ा ख़बरें

क्यों देखें फ़िल्म?

सबसे पहले तो अगर आप सूरज पंचोली के फ़ैन हैं तो फ़िल्म देख सकते हैं। इसके अलावा अगर आप इस वीकेंड हल्की-फुल्की फ़िल्म देखना चाहते हैं तो भी आप फ़िल्म को देख सकते हैं। फ़िल्म सैटेलाइट शंकर में आपको देशभक्ति, इमोशन्स और देशवासियों का फ़ौजियों के प्रति प्यार दिखाई देगा। इस फ़िल्म की कहानी इन दिनों आ रही फ़िल्मों से एकदम अलग है, इस वजह से भी आप फ़िल्म को एक बार देख सकते हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
दीपाली श्रीवास्तव
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

सिनेमा से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें