शूजीत सरकार के निर्देशन में विकी कौशल की फ़िल्म सरदार उधम ऐसे समय में आई है जब सावरकर को ‘वीर’ कहने और अंग्रेजों से उनकी माफ़ी का मुद्दा राष्ट्रवादी विमर्श के बहाने गरमाया हुआ है। गांधी जी भी लपेट लिये गये हैं।
फ़िल्म समीक्षा: माफ़ी की सलाह ठुकराने वाले उधम सिंह को वीर क्यों न कहा जाये!
- सिनेमा
- |
- |
- 17 Oct, 2021

सावरकर को ‘वीर’ कहने और अंग्रेजों से उनकी माफ़ी का मुद्दा जब राष्ट्रवादी विमर्श के बहाने गरमाया हुआ है, इसी बीच शूजीत सरकार की फ़िल्म सरदार उधम आई हुई है। पढ़िए, फ़िल्म समीक्षा कैसे उन्होंने माफ़ी की सलाह ठुकरा फाँसी के फंदे पर झूल गए थे।
उधम सिंह का नाम हमारी आज़ादी की लड़ाई के उन नायकों में लिया जाता है जिन्होंने अंग्रेज़ हुकूमत के आगे झुकने और माफ़ी मांग कर जान बचाने के बजाय हँसते-हँसते मौत को गले लगाना क़ुबूल किया।
फ़िल्म में एक जगह ड्वायर की हत्या के लिए जेल में बंद उधम सिंह को उनकी विदेशी शुभचिंतक अंग्रेज़ सरकार से माफी मांगने की सलाह देती है। उधम सलाह ठुकरा देते हैं।