पायल कपाड़िया सुर्खियों में हैं। उन्होंने कान्स फिल्म फेस्टिवल में इतिहास रच दिया। वह ग्रैंड प्रिक्स पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय फिल्म निर्माता बनी हैं। इनकी इस उपलब्धि पर एफ़टीआईआई से लेकर पीएम मोदी तक गर्व कर रहे हैं। लेकिन इन्हीं पायल कपाड़िया पर इसी एफ़टीआईआई ने कभी दंडात्मक कार्रवाई की थी। वह भी अभिव्यक्ति की आज़ादी से जुड़े मामले के लिए। उस अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए जिसके बिना अच्छी फिल्म नहीं बनायी जा सकती है और जिसके बिना कान्स फ़िल्म फेस्टिवल जैसा पुरस्कार जीतना आसान नहीं।
पायल कपाड़िया पर दंडात्मक कार्रवाई करने वाला FTII उनपर गर्व क्यों करने लगा?
- सिनेमा
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- 27 May, 2024
पायल कपाड़िया ने 'ऑल वी इमेजिन एज़ लाइट' के लिए कान्स फिल्म फेस्टिवल में ग्रैंड प्रिक्स पुरस्कार जीतकर इतिहास रच दिया है। जानिए, अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए इनके साथ एफटीआईआई ने कैसा व्यवहार किया था।

पायल कपाड़िया पर वह क्या दंडात्मक कार्रवाई की गई थी और इसमें बीजेपी का कैसे जुड़ाव था, इसको जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर पायल कपाड़िया की तारीफ़ में अब क्या कहा जा रहा है। एफ़टीआईआई ने ट्वीट किया है, 'यह एफटीआईआई के लिए गर्व का क्षण है क्योंकि इसके पूर्व छात्रों ने कान्स में इतिहास रचा है। जैसा कि हम 77वें कान्स फिल्म महोत्सव में भारतीय सिनेमा के लिए एक अभूतपूर्व वर्ष देख रहे हैं, एफटीआईआई सिनेमा के इस मेगा अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने पूर्व छात्रों की शानदार उपलब्धियों का जश्न मना रहा है।'