दीपिका पादुकोण की फ़िल्म ‘छपाक’ रिलीज़ हो गई। इसके दो दिन पहले अचानक शाम को यह ख़बर आई कि दीपिका पादुकोण जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के आंदोलनकारी छात्रों के बीच पहुँच गईं। इस ख़बर के साथ ही सोशल मीडिया पर घमासान मच गया। ट्विटर के बयानवीरों ने इसको दीपिका की हिम्मत के साथ जोड़कर उनकी शान में कशीदे पढ़ने शुरू कर दिए। कई लोग तो इतने जोश में आ गए कि उनकी इस बात के लिए तारीफ़ करनी शुरू कर दी कि इतनी बड़ी फ़िल्म को दाँव पर लगाकर आंदोलनकारी छात्रों के साथ खड़ी हो गई। ट्विटर पर जोशीले ट्वीट तूफ़ानी अंदाज़ में लिखे जाने लगे। सोशल मीडिया पर ही दूसरा पक्ष विरोध में उठ खड़ा हुआ और दीपिका के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय पहुँचने को उनकी फ़िल्म के प्रमोशन से जोड़ दिया। दोनों पक्षों में सोशल मीडिया पर भिड़ंत हो गई। ट्विटर पर ‘छपाक’ फ़िल्म के पक्ष और विपक्ष में बनाया गया हैशटैग ट्रेंड करने लगा। बॉलीवुड के भी अनुराग कश्यप जैसे सूरमाओं को यह लगा कि उनके विरोध को दीपिका के साथ आने से ताक़त मिली है। वे भी जोश में आ गए। लेकिन उनको यह नहीं समझ आया कि दीपिका पादुकोण का वहाँ पहुँचने के पीछे की वजह एक रिपोर्ट थी।