हाल के तीन राज्यों में विधानसभा चुनावों में जीत ने कांग्रेस का दिमाग सातवें आसमान पर चढ़ा दिया है। छन कर आ रही ख़बरों के अनुसार, कांग्रेस ने बिहार में 15 सीटों पर दावा ठोका है। कांग्रेस की यही ज़िद महागठबंधन के सीट बँटवारे की घोषणा में सबसे बड़ा बाधक है। बिहार के राजनीतिक क्षितिज पर महागठबंधन का बड़ा भागीदार राजद चाहता है कि कांग्रेस अच्छी तरह अपनी औक़ात का मूल्यांकन करके अपना दावा ठोके।
सीट बँटवारे में पेच, बिहार में भी अकेले लड़ेगी कांग्रेस?
- चुनाव 2019
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- 21 Jan, 2019

एक रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस ने बिहार में 15 सीटों पर दावा ठोका है। सवाल है कि क्या यूपी के बाद बिहार में भी कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा करेगी?
बहरहाल, राष्ट्रीय जनता दल के एक बड़े नेता ने साफ़ शब्दों में कह दिया है, ‘मैं एक राजनीतिक पार्टी चलाता हूँ, न कि ख़ैरात बाँटने वाली चैरिटेबल संस्था। मेरी पार्टी कम से कम 22 सीट पर लोकसभा का चुनाव लड़ेगी। बाक़ी की 18 सीट महागठबंधन के उन सदस्यों को दी जाएगी जो ‘धरती-पुत्रों’ को कैन्डिडेट बनाएँगे।' अपने अंदाज़ में उस नेता ने आगे कहा, ‘और हाँ, एक बात मैं क्लियर कर दूँ कि राजद अपने राजनीतिक अस्तित्व का ख़ून करके किसी सहयोगी को ख़ुश करने का काम क़तई नहीं करने जा रहा है।’
चार महीने बाद होने वाले महाभारत में अपनी भागीदारी के लिए राँची के बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारागार में राजद अध्यक्ष लालू यादव से महागठबंधन के लगभग सारे नेता मिल रहे हैं। नेताओं के बीच पहले तय हुआ था कि खरमास यानी जनवरी 14 के बाद सीटों के बँटवारे की घोषणा कर दी जाएगी। लेकिन कांग्रेस के अड़ियल रुख़ के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है।