बिहार में रोज़गार चुनावी मुद्दा बन गया है। इसकी शुरुआत राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के द्वारा दस लाख नौकरियां देने की घोषणा से हुई। गुरुवार को बीजेपी ने अपना संकल्प पत्र जारी किया। इसमें उसने 19 लाख नौकरियों का सपना दिखाया है।

तेजस्वी का कहना है कि बिहार में 46 प्रतिशत बेरोजगारी दर है, जो सबसे ज्यादा है। वे कहते हैं कि अगर झूठ बोलना होता तो एक करोड़ नौकरी का भी वादा कर सकते थे। उनके अनुसार सरकारी नौकरियों के जितने पद खाली हैं उसे पूरा कर इतनी नौकरियां दी जा सकती हैं।
दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी नेता और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने तेजस्वी के बयान के बाद बजट प्रावधानों का हवाला देते हुए पूछा था कि दस लाख नौकरियों के लिए एक लाख करोड़ से अधिक रुपयों की ज़रूरत होगी और इतने पैसे कहां से आएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपने चुनावी भाषण में तेजस्वी के बयान का मजाक उड़ाया था।
बीजेपी की नौकरियों के सपने में एक पेच है। पार्टी के मुताबिक़, सिर्फ चार लाख नौकरियां सरकारी होंगी और बाकी पंद्रह लाख आईटी हब और कृषि हब बनने के बाद मिलेंगी। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में बीजेपी के संकल्प पत्र का विमोचन हुआ। इसमें कोरोना वायरस का टीका मुफ्त में देना का भी वादा किया गया है।