बिहार विधानसभा में एक ऐसी घटना हुई जो भारत के संसदीय इतिहास में कभी देखी नहीं गयी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा अध्यक्ष पर ही बिफर गए और यहाँ तक कह दिया कि अध्यक्ष संविधान के हिसाब से सदन नहीं चला रहे हैं। विपक्ष और सदन के अध्यक्ष के बीच विवाद अक्सर सुनाई देता है। विपक्षी आरोप लगाते रहते हैं कि अध्यक्ष संसदीय मर्यादा का पालन नहीं कर रहे हैं और सत्ताधारी पार्टी या सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं। लेकिन शायद यह पहला ही मौक़ा है जब मुख्यमंत्री ने अध्यक्ष पर संगीन आरोप लगाए।