आख़िरकार मुकेश सहनी को बिहार मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। यह सिर्फ़ एक मंत्री को बर्खास्त किए जाने का मामला नहीं है। ये पूरा प्रकरण, जातीय स्वाभिमान के दम पर खड़ी हुई छोटी छोटी राजनीतिक पार्टियों के सामने अपने अस्तित्व को बचाने के लिए आने वाली नयी चुनौती का संकेत है।
मुकेश सहनी को मंत्रिमंडल से हटाने से पहले विकासशील इंसान पार्टी (वी आई पी ) को जिस तरह बीजेपी ने निगल लिया उसे देख कर यही लगता है कि बड़ी पार्टियाँ छोटी पार्टियों को सिर्फ़ तब तक ज़िंदा रहने देंगीं जब तक चुनाव जीतने के लिए उनकी ज़रूरत है।
बिहार से निकला छोटी पार्टियों के लिए ख़तरे का संकेत
- बिहार
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- शैलेश
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- 29 Mar, 2022

वीआईपी, बिहार के मल्लाहों की पार्टी के रूप में मशहूर है। इसके संस्थापक मुकेश सहनी "सन आफ मल्लाह" के रूप में जाने जाते हैं। 2020 में बिहार विधान सभा के चुनाव में वीआईपी और बीजेपी का गठबंधन था।