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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह

मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार में दंगा भड़काने की कोशिश की, कोर्ट में शिकायत

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ बिहार के सीमांचल में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। हिन्दू स्वाभिमान यात्रा के दौरान गिरिराज पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा है। उनका विवादित भाषण सोशल मीडिया पर वायरल है। किशनगंज समेत बिहार के कई स्थानों पर गिरिराज सिंह के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। किशनगंज में गिरिराज का भाषण सारी सीमाएं पार कर गया है। ताज्जुब है कि बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। दूसरी तरफ गिरिराज के भाषण की शिकायत सीधे अदालत पहुंच गई है।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने भड़काऊ भाषण देने के आरोप में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ बिहार के किशनगंज की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई है। एआईएमआईएम के वकील का दावा है कि गिरिराज सिंह ने किशनगंज दौरे के दौरान ऐसे बयान दिए जिससे समुदायों के बीच नफरत फैल सकती है और स्थानीय लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं।

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शिकायत में आरोप लगाया गया है कि गिरिराज सिंह ने जानबूझकर ऐसे बयान दिए जिससे हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच तनाव बढ़ सकता है और सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंच सकता है. वकील ने कहा कि गिरिराज सिंह के बयान से इलाके की शांति और भाईचारा प्रभावित हुआ है और उन्होंने एक समुदाय को भड़काने की कोशिश की है।

एआईएमआईएम कार्यकर्ता और वकील शम्स आज़ाद ने शिकायत में आरोप लगाया है कि गिरिराज सिंह का बयान, जिसमें उन्होंने मुसलमानों पर मंदिर तोड़ने का आरोप लगाया था, भड़काऊ और उकसाने वाला है। शम्स आजाद ने दावा किया कि इस तरह के बयानों से समाज में गलत संदेश जाएगा और सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा।

शिकायत भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 196, 197, 199 और 302 के तहत दर्ज की गई है। कोर्ट में वीडियो सबूत भी पेश किए गए हैं। शिकायत AIMIM नेता इम्तियाज आलम ने दर्ज कराई है।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की 'हिंदू स्वाभिमान यात्रा' 18 अक्टूबर को भागलपुर से शुरू हुई थी। 22 अक्टूबर को किशनगंज पहुंचने से पहले यात्रा कटिहार, पूर्णिया और अररिया से होकर गुजरी। अपने सार्वजनिक संबोधन के दौरान उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठ जैसे मुद्दों पर बात की और अन्य बयान दिए। मुस्लिम नेताओं ने इन बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई है और कहा है कि ये समाज में सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा देते हैं। इसीलिए एआईएमआईएम नेताओं ने गिरिराज सिंह के खिलाफ किशनगंज कोर्ट में शिकायत दर्ज करायी। 

इससे पहले अररिया के भाजपा सांसद प्रदीप सिंह ने भड़काऊ बयान दिया था। भाजपा सांसद प्रदीप सिंह ने मंगलवार को कहा था- अगर लोग अररिया में रहना चाहते हैं तो उन्हें हिंदू बनना चाहिए। उनके शब्द हैं-  “अगर लोग अररिया में रहना चाहते हैं तो उन्हें हिंदू बनना होगा। जब शादी करना हो तो जरूर जाति जान लेना चाहिए।” प्रदीप सिंह ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के नेतृत्व में निकल रही हिन्दू स्वाभिमान यात्रा के दौरान अररिया में एक सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। 

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भाजपा सांसद के बयान का फौरन ही विरोध किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो जारी किया। तेजस्वी यादव ने वीडियो बयान के साथ एक्स पर लिखा है-  आज (22 अक्टूबर) भाजपा के एक सांसद ने बिहार में माहौल बिगाड़ने के लिए भड़काऊ बयान दिया और आज ही उस सांसद को नीतीश कुमार जी ने अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया करा दी। इस देश की मिट्टी में सबकी महक और आज़ादी में सबका योगदान है। मैं हरेक व्यक्ति को भरोसा दिलाता हूँ कि जब तक मेरी साँस है मैं बिहार को सांप्रदायिकता की आग में झोंकने वाले हरेक व्यक्ति के सामने डट कर खड़ा रहूँगा और मुसलमानों की तरफ बुरी नजर से देखने वालों की ईंट से ईंट बजा देंगे। 

बिहार में 13 नवंबर को उपचुनाव भी है। अगले साल विधानसभा चुनाव है। उससे ठीक पहले हिंदू स्वाभिमान यात्रा का समय तमाम राजनीतिक मकसदों को बता रहा है। हालाँकि इस यात्रा को एक सांस्कृतिक-धार्मिक आंदोलन के रूप में भाजपा ने पेश किया। लेकिन इसका विशेष रूप से मिलीजुली आबादी वाले जिलों में महत्वपूर्ण असर हुआ। यात्रा के दौरान हिंदू पहचान पर ध्यान केंद्रित करने को इन जिलों में हिंदू वोटों को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा गया है, जहां मुस्लिम समुदाय चुनावी परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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बिहार में जेडीयू ने जब हिन्दू जागरण यात्रा शुरू हुई थी तो विरोध किया था। लेकिन खुद नीतीश कुमार या उनकी सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। आपत्तिजनक बयानों के बाद उल्टा बाजपा सांसद प्रदीप सिंह की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जेडीयू के गुलाम गौस और नीरज कुमार ने गिरिराज की हिन्दू जागरण यात्रा को संकेतों में "विभाजनकारी" बताया था। गौस और नीरज जेडीयू के एमएलसी हैं। दोनों जेडीयू नेताओं ने कहा कि “उनकी सरकार हमेशा सांप्रदायिक सद्भाव के लिए खड़ी रही है। नीतीश कुमार ने मंदिरों की बाड़ लगाने के लिए उसी उत्साह से काम किया है, जिस उत्साह से उन्होंने कब्रिस्तानों की बाड़ लगाने के लिए काम किया है। हमारी सरकार धार्मिक सौहार्द के लिए खड़ी है।” जेडीयू नेता विजय चौधरी ने इन दोनों से पहले हिन्दू जागरण यात्रा का विरोध किया था। चौधरी ने कहा कि सिर्फ विकास की बात होना चाहिए।

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क़मर वहीद नक़वी
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