बिहार की 12 करोड़ आबादी कोरोना जैसी बीमारी से कैसे लड़ेगी? महामारी शैतान की तरह चमक रही है। वह हमारे छतों पर मंडरा रही है। क्या पता वह हमारे घरों में दाखिल होकर हमारा इंतजार कर रही हो! हम बारूद की ढेर पर बैठे हैं।