ट्रेन से लौटे एक प्रवासी मज़दूर की स्टेशन पर मौत की एक तसवीर दिल को झकझोर देने वाली है। मुश्किल से 2-3 साल का बच्चा अपनी मृत पड़ी माँ को उठाने की कोशिश कर रहा है। उसे यह अहसास भी नहीं है कि उसकी माँ अब ज़िंदा नहीं है। वह उस चादर से खेल रहा है जिससे उसकी माँ के शव को ढँका गया है।
यह मामला है बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर के रेलवे स्टेशन का। उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में दिखता है कि स्टेशन पर एक महिला का शव पड़ा है और उसे चादर से ढंका गया है। एक छोटा सा बच्चा उससे खेल रहा है। वह चादर को कभी उठा रहा है और अपनी माँ के चेहरे को देखकर वापस चादर को छोड़कर आसपास चला जा रहा है।
जिसका शव पड़ा है वह 23 साल की एक महिला थी। सोमवार को जिस समय वह वीडियो बनाया गया था उससे कुछ देर पहले ही उसको श्रमिक स्पेशल ट्रेन से उतरा गया था। शनिवार को वह गुजरात के अहमदाबाद से ट्रेन से चली थी। 'एनडीटीवी' की रिपोर्ट के अनुसार महिला के परिजनों का कहना है कि खाना और पानी की कमी के कारण ट्रेन पर उसकी तबीयत ख़राब हो गई थी। लेकिन मुज़फ़्फरपुर स्टेशन पर पहुँचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। स्टेशन के प्लेटफ़ॉर्म पर जब उसका शव रखा हुआ था तभी वह बच्चा उससे खेल रहा था और उसका वीडियो वायरल हो रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में रेल मंत्रालय ने कहा है कि जब ट्रेन पर चढ़ी थी तभी महिला की तबीयत ख़राब थी और जब उसकी मौत हुई तो परिजनों ने उसके शव को मुज़फ़्फ़रपुर में स्टेशन पर उतार लिया। मंत्रालय के अनुसार महिला अपनी बहन, बहन के पति और दो बच्चों के साथ कटिहार जा रही थी। एनडीटीवी के अनुसार रेलवे ने कहा है, 'परिवार के सदस्यों ने कहा कि वह पहले से ही बीमार थी, सभी से आग्रह है कि फ़ेक न्यूज़ नहीं फैलाएँ।'
बता दें कि प्रवासी मज़दूरों को ले जा रही ट्रेनों में भूख-प्यास से लोगों के बेहाल होने की ख़बरें आ रही हैं और इसके लिए रेलवे की आलोचना भी हो रही है। हाल में कई जगह ऐसी शिकायतें आई हैं। हालाँकि रेलवे ने ट्रेनों में भूख से मौतों से इनकार किया है। ट्रेनों में ऐसे ही चार लोगों की मौत पर रेलवे ने ट्वीट कर सफ़ाई दी है।
भारतीय रेल द्वारा विभिन्न स्टेशनों पर आवश्यकता पड़ने पर यात्रियों को तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाती है। सभी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में अनिवार्य रूप से खाना और पानी सभी यात्रियों को उपलब्ध कराया जाता है।
— Spokesperson Railways (@SpokespersonIR) May 27, 2020
इस खबर में किसी भी रेल अधिकारी का कोई भी पक्ष नहीं लिया गया है।
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