बिहार में आरजेडी के कई बड़े नेताओं के खिलाफ सीबीआई ने छापेमारी की है। आरजेडी के विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह और सुबोध राय, राज्यसभा सांसद अशफाक करीम के पटना और फैयाज़ अहमद के मधुबनी स्थित आवास पर जांच एजेंसी ने बुधवार को छापा मारा है। ये तीनों ही नेता आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के करीबी हैं। छापेमारी पर सवाल उठाते हुए आरजेडी ने कहा है कि केंद्र सरकार बदले की भावना से काम कर रही है।इसके अलावा झारखंड की राजधानी रांची में भी खनन घोटाले के मामले में जांच एजेंसी ईडी छापेमारी कर रही है। यहां पर प्रेम प्रकाश व कई अन्य लोगों के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की है।
यह छापेमारी लैंड फॉर जॉब या रेलवे भर्ती घोटाले के मामले में हुई है। जानकारी के मुताबिक बिहार, तमिलनाडु में भी कई जगहों पर जांच एजेंसी छापेमारी कर रही है। यह छापेमारी बिहार में फ्लोर टेस्ट वाले दिन ही हुई है।
सीबीआई ने जुलाई में रेलवे भर्ती घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के पूर्व ओएसडी भोला यादव को गिरफ्तार कर लिया था। बताया जा रहा है कि भोला यादव से पूछताछ में सीबीआई को जो जानकारी मिली है, उसके आधार पर यह छापेमारी की गई है।
सीबीआई ने मई के महीने में भी आरजेडी प्रमुख लालू यादव के 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी। लालू यादव के साथ ही उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और राज्यसभा सांसद और बेटी मीसा भारती के खिलाफ बिहार और दिल्ली में स्थित कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी।
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इस मामले में आज तक से कहा है कि जब बिहार में सरकार से बीजेपी की विदाई हुई थी, तभी से यह आशंका थी कि केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग हो सकता है और विपक्षी नेताओं के घरों पर छापेमारी हो सकती है। उन्होंने कहा कि आरजेडी सभी मुश्किलों का सामना करेगी।
तिवारी ने कहा कि बीजेपी नेताओं के घरों पर छापेमारी क्यों नहीं हो रही है।
आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा कि जांच एजेंसियां किसी स्क्रिप्ट के आधार पर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के चरित्र को तार-तार कर दिया गया है।
सिसोदिया के घर छापेमारी
याद दिलाना होगा कि कुछ दिन पहले सीबीआई ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर आबकारी नीति के मामले में छापेमारी की थी। इस छापेमारी के बाद से ही राजधानी दिल्ली का सियासी माहौल गर्म है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया कह चुके हैं कि जल्द ही जांच एजेंसियां उन्हें गिरफ्तार कर सकती हैं।
विपक्षी राजनीतिक दलों का कहना है कि मोदी सरकार विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं के खिलाफ एजेंसियों का दुरुपयोग कर उन्हें निशाना बना रही है।
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