सोमवार को बिहार की दो खबरों ने सनसनी पैदा कर दी जिससे एक बार फिर साबित हुआ कि जदयू फिलहाल बिहार में भाजपा से लड़ते-मिलते रहेगा हालांकि बिहार से बाहर वह जुदा राह पर चलेगा। यह चर्चा जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर गर्मायी थी।

क्या बिहार में बीजेपी जदयू गठबंधन डगमगा रहा है। क्या महाराष्ट्र की सियासत के जैसा घटनाक्रम बिहार में भी हो सकता है।
जदयू से औपचारिक रूप से अब तक अलग नहीं हुए इसके पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह हैदराबाद में चल रही भाजपा कार्यकारिणी की बैठक के दौरान भाजपा के मंच पर गये। वहां उनका स्वागत हुआ। इसके बाद महज इस फोटो के आधार पर हर जगह यह अफवाह खबर बन गयी कि आरसीपी भाजपा में शामिल हो गये।
खैर, चूंकि आरसीपी कह चुके हैं कि वे तो खुद रामचंद्र हैं, उन्हें हनुमान बनने की क्या जरूरत है। इसलिए अभी उनके भाजपा में शामिल होने में, अगर वे वाकई वहां जाने का फैसला कर चुके हैं तो, वक्त लगेगा। स्वर्गीय रामविलास के सुपुत्र चिराग पासवान ’मोदी का हनुमान’ होने का दावा करते थे और उनकी पार्टी का क्या हुआ सबको मालूम है।