इंडिया गठबंधन की सीट शेयरिंग बिहार में कोई मसला नहीं थी। जेडीयू-आरजेडी की सीट शेयरिंग मीटिंग के बाद कांग्रेस को 6-7 सीटें देने की बात कही गई थी। कांग्रेस ने इस पर आपत्ति नहीं जताई थी। इंडिया गठबंधन की बैठक में बाकी दल ही नीतीश को संयोजक बनाए जाने के खिलाफ थे। लेकिन बाद में नीतीश ने खुद ही यह पद छोड़ दिया। लेकिन कांग्रेस की ओर से उन्हें पेशकश थी कि उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है। कांग्रेस ने शनिवार को यह भेद खोल दिया कि वो पिछले कई दिनों से नीतीश से संपर्क करने की कोशिश कर रही थी लेकिन नीतीश को व्यस्त बताया गया। यह बहुत उल्लेखनीय बयान है। इससे संकेत यही मिल रहा है कि जिस इंडिया गठबंधन को खड़ा करने में नीतीश ने सूत्रधार की भूमिका निभाई थी, अब वही उससे तोड़ने में लगे हैं।