लॉकडाउन के बीच बीजेपी विधायक अनिल सिंह को राजस्थान के कोटा के लिए यात्रा पास जारी करने पर काफ़ी किरकिरी होने के बाद बिहार सरकार ने राज्य के एक अधिकारी को निलंबित कर दिया है। लॉकडाउन होने के कारण कोटा में फँसे हज़ारों छात्रों में विधायक सिंह की बेटी भी थीं। 15 अप्रैल को उन्होंने पास हासिल किया था और 16 अप्रैल को वह अपनी बेटी को लाने के लिए कोटा के लिए चले गए थे।
इसी को लेकर बिहार की नीतीश सरकार पर चौतरफ़ा हमले हो रहे थे। विपक्षी दलों ने यह भी आरोप लगाया था कि वीआईपी होने के कारण सरकार ने सुविधा मुहैया कराई है।
इन्हीं दबाओं के बीच नवादा ज़िले में सदर अनुविभागीय अधिकारी यानी एसडीओ अनु कुमार को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि हिसुआ विधानसभा क्षेत्र के विधायक अनिल सिंह को पास जारी करने के लिए यह कार्रवाई की गई है। इसमें कहा गया है कि अनु कुमार अंतर-राज्यीय पास जारी करने में लापरवाही बरती जिसे लॉकडाउन की अवधि के दौरान विशेष परिस्थिति यानी आपात स्थिति के बिना जारी नहीं किया जा सकता है। कहा गया है कि उनके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्टों में कहा गया है कि तब विधायक ने दावा किया था कि मेडिकल की तैयारी करने वाली उनकी बेटी अकेले रहने से डिप्रेशन में चली गई थी। उन्होंने कहा था कि कोचिंग क्लास बंद थी और हॉस्टल से अधिकतर उसकी साथी छात्राएँ घर चली गई थीं। हालाँकि उनके इस तर्क से यह पता नहीं चलता है कि यह आपात स्थिति थी या नहीं। सरकार ने भी अब तक ऐसा कुछ नहीं कहा है। अब ज़ाहिर है एसडीओ के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई है तो इसका मतलब तो यही है कि यह आपात स्थिति नहीं थी और पास नहीं जारी किया जाना चाहिए था।
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