कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय
जीत
कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय
जीत
गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर
हार
बिहार में जेडीयू के साथ मिलकर सरकार चला रही बीजेपी ने अग्निपथ योजना के विरोध में हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। बिहार बीजेपी के अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने शनिवार को कहा कि 3 दिन तक बिहार में प्रशासन की भूमिका बिल्कुल भी ठीक नहीं रही। लेकिन डॉ संजय जायसवाल के बयान पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने तुरंत पलटवार किया है।
बता दें कि बिहार में अग्निपथ योजना के विरोध में जमकर आगजनी, हिंसा और तोड़फोड़ हुई है। इसमें भारी-भरकम आर्थिक नुक़सान हुआ है।
बिहार बीजेपी अध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कहा कि बिहार में अग्निपथ योजना के विरोध में हुई हिंसा एक बड़ी साजिश है। डॉ. जायसवाल ने कहा कि 300 पुलिसकर्मियों के होने के बावजूद मधेपुरा में बीजेपी के दफ्तर को जला दिया गया। बीजेपी के नवादा कार्यालय में तोड़फोड़ की गई और वहां भी पुलिसकर्मी थे।
उन्होंने कहा कि प्रशासन की स्थिति शुक्रवार तक बेहद दयनीय रही जबकि शनिवार को प्रशासन एक्टिव रहा और इसका असर भी देखने को मिला।
डॉ. जायसवाल ने कहा कि किसान आंदोलन के जरिए एक बेहतर योजना को रद्द करवाया गया और आज उसी तरह विरोधी दल यह सोच रहे हैं कि इस देश में अराजकता फैला कर वे शासन कर सकते हैं। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि अग्निपथ योजना का लाभ निश्चित रूप से युवाओं को मिलेगा।
डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि प्रशासन के द्वारा व्यक्तियों को टारगेट करना, एक खास पार्टी के दफ्तरों को टारगेट करना गलत है। उन्होंने कहा कि मधेपुरा में बीजेपी दफ्तर पर हमले के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनकर बैठी रही और उसके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है। उन्होंने कहा कि बिहार में बीजेपी शासन का हिस्सा है और ऐसा हिंदुस्तान में कहीं नहीं हो रहा है जो बिहार में हो रहा है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह गलत है और इस तरह की घटनाएं नहीं रोकी गई तो यह किसी के लिए भी अच्छा नहीं होगा।
बीजेपी नेता ने कहा कि जिस किसी को भी अग्निपथ योजना को लेकर एतराज है तो वह आए और बताए कि उसे किस बात पर एतराज है और उस पर सरकार काम करेगी। बता दें कि जेडीयू की ओर से अग्निपथ योजना को लेकर पुनर्विचार करने की बात केंद्र सरकार से कही गई थी।
उन्होंने कहा कि इस योजना के विरोध के नाम पर बीजेपी को टारगेट किया गया और बंगाल और झारखंड जहां पर बीजेपी की सरकार नहीं है, वहां पर हिंसा नहीं हुई है तो इसके पीछे गहरी साजिश है और प्रशासन को हर हालत में इस साजिश को खोलना होगा कि आखिर ऐसा क्यों हुआ।
डॉ. जायसवाल ने कहा कि उन्होंने इस बारे में गृह सचिव और डीजीपी से बात की है। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि उप मुख्यमंत्री इस बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करेंगे। बिहार सरकार में बीजेपी के दो नेता तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी उप मुख्यमंत्री हैं।
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने डॉ संजय जायसवाल के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि लोगों के मन में जो आशंकाएं हैं बीजेपी को उन्हें दूर करना चाहिए लेकिन बजाय इसके उनके लोग प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं।
ललन सिंह ने कहा कि छात्रों के आक्रोश से जो संतुलन बिगड़ा है उसके बाद बीजेपी के नेता प्रशासन पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रशासन चलाने के लिए सक्षम व्यक्ति हैं इसलिए डॉ. संजय जायसवाल से शिक्षा लेने की जरूरत नहीं है।
बिहार में अब तक बीजेपी के दो दफ्तरों में तोड़फोड़ और आगजनी हुई है। शुक्रवार को मधेपुरा में स्थित बीजेपी के दफ्तर में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी जबकि गुरुवार को नवादा में बीजेपी के दफ्तर में तोड़फोड़ और आगजनी की घटना हुई थी।
राज्य सरकार में साझीदार रहते हुए और बड़ा राजनीतिक दल होने के बावजूद बीजेपी का प्रशासन पर सवाल उठाना निश्चित रूप से बेहद गंभीर विषय है। पिछले 2 महीने में बिहार की सियासत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से करवट लेने की आहट सुनाई दी है। नीतीश कुमार ने आरजेडी की इफ्तार पार्टी में शिरकत की थी और अपने आवास पर रखी इफ्तार पार्टी में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को बुलाया था।
जाति जनगणना के मुद्दे पर भी नीतीश पीछे नहीं हटे। बिहार में अग्निपथ योजना के विरोध में जिस पैमाने पर हिंसा हुई है निश्चित रूप से वह बेहद भयावह है। बड़े पैमाने पर सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ है और क्योंकि यह योजना केंद्र की सरकार लाई है इसलिए ऐसा लगता है कि युवा इस योजना को लेकर मोदी सरकार से बेहद नाराज हैं।
निश्चित रूप से इससे बीजेपी को सियासी नुकसान हो सकता है और ऐसे में बीजेपी का बिहार सरकार के प्रशासन से नाराजगी जाहिर करना और जेडीयू का तुरंत इसका जवाब देना बिहार में जेडीयू और बीजेपी के रिश्ते में टकराव को बढ़ा सकता है।
About Us । Mission Statement । Board of Directors । Editorial Board | Satya Hindi Editorial Standards
Grievance Redressal । Terms of use । Privacy Policy
अपनी राय बतायें