बिहार में जातिगत आरक्षण 65 फीसदी करने के लिए विधेयक गुरुवार को पास हो गया। संशोधित विधेयक को अब कानून बनने से पहले राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर को हस्ताक्षर करना होगा। बिहार में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण बढ़ाने की मांग वाले आरक्षण संशोधन विधेयक को गुरुवार को ही पेश किया गया था। मंगलवार को ही बिहार कैबिनेट ने राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए कोटा बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। यह आरक्षण सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय 50 फीसदी की सीमा से ऊपर है।
65% जातिगत कोटा के लिए विधेयक बिहार विधानसभा में पास
- बिहार
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- 9 Nov, 2023
नीतीश कुमार ने सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर जातिगत आरक्षण 65 फीसदी देने का क़ानून तो पास कर दिया, लेकिन क्या यह सुप्रीम कोर्ट के सामने टिक भी पाएगा?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण को उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित 50 प्रतिशत की सीमा से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने के प्रस्ताव किया गया था।