बिहार में अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू होने के पांच साल बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अपनी इस जंग में सख्त इम्तिहान से सामना हो रहा है। नीतीश कुमार को एक ओर इसलिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है कि पिछले कई वर्षों से शराब की होम डिलीवरी हो रही है तो दूसरी ओर पिछले महीने चार जिलों- मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, कैमूर और रोहतास में जहरीली शराब पीने से लगभग बीस लोगों की मौत हो गयी।