राम मंदिर-बाबरी मसजिद विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जगह को रामलला का बताया है। अदालत ने कहा है कि सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को मसजिद बनाने के लिये वैकल्पिक ज़मीन दी जाए। चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई की अध्यक्षता में बनी संविधान पीठ ने शिया वक़्फ़ बोर्ड की याचिका खारिज कर दी है। इस संविधान पीठ में डी. वाई, चंद्रचूड़, जस्टिस नज़ीर, एस. ए. बोबडे, अशोक भूषण भी हैं।
बाबरी मसजिद मामले में शिया वक़्फ़ बोर्ड की याचिका खारिज
- अयोध्या विवाद
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- सत्य ब्यूरो
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- 9 Nov, 2019
शिया वक़्फ़ बोर्ड की ओर से बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने कहा था कि साक्ष्यों के आधार पर बाबरी मसजिद शिया वक़्फ़ बोर्ड के अधीन है।

शिया वक़्फ़ बोर्ड बाबरी मसजिद-राम मंदिर विवाद के पक्षकारों में एक है। मुसलमानों की ओर से शिया वक़्फ़ बोर्ड और सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड इस मामले में पक्षकार थे। शिया वक़्फ़ बोर्ड के वकील अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने से पहले कहा था कि यदि उनके पक्ष में फ़ैसला आया तो वे लोग ज़मीन को राम मंदिर के निर्माण के लिए दे देंगे। उन्होंने कहा था कि राम इमाम-ए-हिंद थे और अयोध्या में उनका भव्य मंदिर बनना चाहिए।
- Ayodhya Dispute
- Babari Masjid-Ram Mandir dispute
- Supreme Court Verdict on Ayodhya