जानिए, बाबरी मसजिद-राम मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने नवंबर, 2019 में अपने फ़ैसले में मुख्य बातें क्या कही।
- बाबरी मसजिद मामले में शिया वक़्फ़ बोर्ड की याचिका खारिज
- विवादित जगह राम लला विराजमान को दी जाए।
- मुसलमानों को मसजिद बनाने के अलग ज़मीन दी जाए।
- मुसलिम पक्ष को मसजिद के लिए 5 एकड़ ज़मीन मिलेगी।
- मंदिर बनाने के लिए केंद्र सरकार 3 महीने में ट्रस्टी बोर्ड का गठन करे।
- निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज
- मंदिर के ट्र्स्टी बोर्ड में निर्मोही अखाड़े को प्रतिनिधित्व मिले
- मंदिर तोड़ कर मसजिद बनाने का पुख़्ता सबूत नहीं।
- विवादित जगह पर 1949 में रखी गईं मूर्तियाँ।
- विवादित जगह पर मुसलिम पक्ष अपना दावा साबित करने में नाकाम।
- पक्षकार गोपाल विशारद को मिला पूजा-पाठ का अधिकार।
- बाबरी मस्जिद के नीचे एक संरचना पाई गई है जो मूलतः इस्लामी नहीं थी। विवादित भूमि पर अपने फ़ैसले में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि पुरातत्व विज्ञान को नकारा नहीं जा सकता।
- अंदर के चबूतरे पर कब्ज़े को लेकर गंभीर विवाद रहा है। 1528 से 1556 के बीच मुसलमानों ने वहां नमाज़ पढ़े जाने का कोई सबूत पेश नहीं किया गया।
- बाहरी चबूतरे पर मुसलमानों का क़ब्ज़ा कभी नहीं रहा। 6 दिसंबर की घटना से यथास्थिति टूट गई।
- बाहरी चबूतरे पर हमेशा से हिन्दुओं का क़ब्ज़ा रहा। ऐतिहासिक यात्रा वृतांतों को भी ध्यान में रखा गया है।
- ऐतिहासिक यात्रा वृतांत बताते हैं कि सदियों से मान्यता रही है कि अयोध्या ही राम का जन्मस्थान है।
- हिन्दुओं की इस आस्था को लेकर कोई विवाद नहीं है. आस्था उसे मानने वाले व्यक्ति की निजी भावना है।
- मसजिद मीर बाक़ी ने बनाई थी, अदालत के लिए धर्मशास्त्र के क्षेत्र में दख़ल देना अनुचित होगा।
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