अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुना दिया है। 2.77 एकड़ विवादित ज़मीन रामलला विराजमान को राम मंदिर बनाने के लिए दे दी गई है। कोर्ट ने मुसलिम पक्ष को मसजिद बनाने के लिए 5 एकड़ ज़मीन देने का केंद्र सरकार को निर्देश दिया है। साथ ही यह भी निर्देश दिया कि मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार एक ट्रस्ट बनाए और उसमें निर्मोही अखाड़े को भी प्रतिनिधित्व दिया जाए। हालाँकि निर्मोही अखाड़े का दावा सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज़ कर दिया लेकिन मंदिर के ट्रस्ट में उसकी हिस्सेदारी सुनिश्चित कर दी।
अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद अब क्या चाहते हैं मुसलिम?
- अयोध्या विवाद
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- 9 Nov, 2019

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुना दिया है। 2.77 एकड़ विवादित ज़मीन रामलला विराजमान को राम मंदिर बनाने के लिए दे दी गई है। मुसलिम पक्ष अब क्या चाहता है?
सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले पर उम्मीद के मुताबिक़ कोई ख़ास प्रतिकूल प्रतिक्रिया नहीं आई है। ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ़ से की गई प्रेस कॉन्फ़्रेंस में बोर्ड के सचिव ज़फ़रयाब जिलानी ने मुसलमानों से अपील की कि इस फ़ैसले का कहीं कोई विरोध या इसके ख़िलाफ़ धरना-प्रदर्शन नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'कुछ बिंदुओं से हम संतुष्ट नहीं हैं लेकिन फिर भी हम उसका सम्मान करते हैं।' उन्होंने यह ज़रूर कहा कि कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण या फ़ैसले के पुनर्विचार के लिए वह दोबारा सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं लेकिन इसका फ़ैसला बोर्ड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में किया जाएगा।