असम समझौते की धारा 6 को लेकर केंद्र सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। धारा 6 को लागू करने के लिये बनाई गई उच्च स्तरीय कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप देगी। राज्य सरकार इस रिपोर्ट को स्वीकार करने के लिये राजी हो गई है। केंद्र सरकार की ओर से असम के मूल निवासियों की भाषाई और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिये इस कमेटी का गठन किया था। नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ असम में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान कमेटी के कई सदस्यों ने इस्तीफ़ा दे दिया था। जुलाई, 2019 में कमेटी का पुनर्गठन किया गया था। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पर 10 फ़रवरी को काम पूरा कर लिया था।
असम समझौते की धारा 6 की रिपोर्ट को लेकर बढ़ेंगी मोदी सरकार की मुश्किलें!
- असम
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- 21 Feb, 2020
असम समझौते की धारा 6 को लेकर केंद्र सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, केंद्र सरकार कमेटी की इस रिपोर्ट को लेकर असहज महसूस कर रही है क्योंकि कमेटी ने असमिया लोगों को परिभाषित करने के लिये 1951 की कट ऑफ़ डेट निर्धारित की है। कमेटी ने इस बात का भी सुझाव दिया है कि राज्य में इनर लाइन परमिट की व्यवस्था को लागू किया जाये। कमेटी ने असमिया लोगों के लिये राज्य की विधानसभा में, शिक्षण संस्थानों में और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सिफ़ारिश की है। यह रिपोर्ट सीलबंद लिफ़ाफे में असम सरकार के असम समझौता विभाग में रखी गई है।