गुवाहाटी के जिस होटल में शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे और अन्य विधायक रुके हैं, उसके बाहर शुक्रवार को असम कांग्रेस ने प्रदर्शन किया है। गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी इस होटल के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया था।
कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि असम में बाढ़ आई हुई है और बीजेपी विधायकों की खरीद-फरोख्त में जुटी हुई है। इस दौरान असम कांग्रेस के नेताओं ने जमकर नारेबाजी भी की।
असम प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने बागी विधायक एकनाथ शिंदे से कहा है कि वह जल्द से जल्द असम को छोड़कर चले जाएं।
उन्होंने कहा है कि इस वजह से सारी मीडिया कवरेज महाराष्ट्र के सियासी संकट पर हो रही है और यह असम के लोगों के लिए ठीक नहीं है क्योंकि पूरा राज्य भयंकर बाढ़ का सामना कर रहा है।
बता दें कि असम में बाढ़ के कारण लाखों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है और वे शरणार्थी कैंपों में रह रहे हैं।
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प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा है कि राज्य में बाढ़ के कारण पैदा हुई बेहद खराब परिस्थितियों के बीच असम सरकार का महाराष्ट्र के विधायकों का भव्य आदर सत्कार करना पूरी तरह गलत है और एकनाथ शिंदे असम की भलाई को देखते हुए जल्द से जल्द राज्य छोड़कर चले जाएं।
होटल के बाहर कड़ी सुरक्षा
बता दें कि महाराष्ट्र के सियासी संकट को लेकर सभी की नजरें गुवाहाटी पर ही हैं क्योंकि शिवसेना के बागी और निर्दलीय विधायक गुवाहाटी में स्थित रेडिसन ब्लू होटल में रुके हुए हैं। होटल के बाहर सुरक्षा व्यवस्था इतनी चाक-चौबंद है कि किसी का भी बिना अनुमति के होटल के आसपास जा पाना बेहद मुश्किल है।
होटल के बाहर पुलिस की जबरदस्त तैनाती है और मीडिया का भी जबरदस्त जमावड़ा है। शिवसेना के एक पदाधिकारी को भी होटल के बाहर से पकड़ा गया है। वह मुंबई से गुवाहाटी नाराज बागी विधायकों से मिलने और उन्हें मनाने के लिए आए थे।
इससे पहले यह सभी बागी विधायक सूरत में रुके थे।
दूसरी ओर महाराष्ट्र का सियासी संकट अब कानूनी दांवपेचों में उलझ सकता है। शिवसेना ने बगावत करने वाले 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की अर्जी महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि झिरवल के सामने लगाई है।
डिप्टी स्पीकर ने शिवसेना के उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है जिसमें अजय चौधरी को विधायक दल के नेता के रूप में स्वीकृति देने की मांग की गई थी। बगावत के बाद शिवसेना ने कार्रवाई करते हुए एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया था।
जबकि महाराष्ट्र विधानसभा के दो निर्दलीय विधायकों ने डिप्टी स्पीकर नरहरि झिरवल को हटाने की मांग की है और कहा है कि डिप्टी स्पीकर उद्धव ठाकरे गुट का साथ दे रहे हैं।
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