कारगिल युद्ध के हीरो मुहम्मद सना उल्लाह को असम के डीटेंशन कैंप यानी बंदी गृह भेज दिया गया है। उन्हें फ़ॉरनर्स ट्राइब्यूनल ने पहले ही विदेशी घोषित कर दिया था।