राष्ट्रवादी कांग्रेस यानी एनसीपी नेता शरद पवार ने अब भीमा कोरेगाँव मामले की जाँच के लिए सही तरीक़े से जाँच के लिए विशेष जाँच दल यानी एसआईटी बनाने की माँग की है। उन्होंने कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से कहेंगे कि वह इसके लिए एसआईटी का गठन करें। इसी मामले में गिरफ़्तार किए गए सामाजिक कार्यकर्ताओं पर 'अर्बन नक्सल' होने के आरोप लगाए गए हैं। राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में शिवसेना और कांग्रेस के साथ एनसीपी भी शामिल है। इसी महीने सरकार गठन के तुरंत बाद ही एनसीपी के नेताओं ने इसके लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था। पत्र लिखने वालों में वरिष्ठ एनसीपी नेता और पंकजा मुंडे के चचेरे भाई धनंजय मुंडे भी शामिल हैं। तब एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी इस पर सकारात्मक संदेश दिया था और कहा था कि वह पहले यह देखेंगे कि उनके ख़िलाफ़ केस हटा तो नहीं लिए गए हैं।
पवार क्यों बोले- एसआईटी बने, अर्बन नक्सल मामले की फिर से होगी जाँच?
- महाराष्ट्र
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- 21 Dec, 2019
राष्ट्रवादी कांग्रेस यानी एनसीपी नेता शरद पवार ने अब भीमा कोरेगाँव मामले की जाँच के लिए सही तरीक़े से जाँच के लिए विशेष जाँच दल यानी एसआईटी बनाने की माँग की है।

बता दें कि 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में एलगार परिषद सम्मेलन हुआ था और उसके अगले दिन भीमा कोरेगाँव में हिंसा हुई थी। जनवरी, 2018 में पुलिस ने वामपंथी कार्यकर्ता के पी. वरवर राव, सुधा भारद्वाज, अरुण फ़रेरा, गौतम नवलखा और वरनो गोन्जाल्विस के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया था। बाद में कई लोगों को गिरफ़्तार भी किया गया था। आरोप लगाया गया है कि इस सम्मेलन के बाद भीमा-कोरेगाँव में हिंसा भड़की। हालाँकि इनकी गिरफ़्तारी के बाद से ही कई लोग यह दावा कर रहे हैं कि इस मामले में इनको जानबूझ कर इसलिए फँसाया जा रहा है क्योंकि वे दलित समुदाय के अधिकारों की पैरवी करते हैं।