क्या एक बार फिर जनता दल यूनाइटेड और बीजेपी के रिश्ते ख़राब हो रहे हैं? यह सवाल इसलिए उठ खड़ा हुआ है कि क्योंकि जद (यू) ने कहा है कि वह राज्यसभा में नागरिकता विधेयक का विरोध करेगी। इसके अलावा जद (यू) अपने दो वरिष्ठ नेताओं को असम में इस विधेयक के विरोध में होने वाले प्रदर्शन में शामिल होने के लिए भी भेजेगी। बता दें कि लोकसभा में भी जद (यू) ने नागरिकता विधेयक के लिए हुई वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था और उससे पहले तीन तलाक विधेयक का भी विरोध किया था।
नागरिकता विधेयक : क्या ख़राब हो रहे हैं बीजेपी- जद (यू) के रिश्ते?
- राजनीति
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- 21 Jan, 2019
जद(यू) ने कहा है कि वह राज्यसभा में नागरिकता विधेयक का विरोध करेगी। इसके बाद से ही यह सवाल पूछा जा रहा है कि क्या बीजेपी और जद (यू) के रिश्तों में खटास आ चुकी है?

नागरिकता विधेयक का विरोध करने का फ़ैसला पटना में हुई जद (यू) की एक बैठक में लिया गया। जद (यू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता के. सी. त्यागी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि यह विधेयक असम के लोगों की अस्मिता के ख़िलाफ़ है, इसलिए हमने इसका विरोध करने का फ़ैसला किया है। पार्टी ने त्यागी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को 27 जनवरी को गुवाहाटी भेजने का फ़ैसला किया है। अहम बात यह है कि इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे।