नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजन्स यानी एनआरसी में जिन लोगों के नाम नहीं जुड़ पाएँगे, वे विदेशी घोषित कर दिए जाएँगे। लेकिन उसके बाद उनका क्या होगा? उनके लिए सरकार के पास क्या कोई कार्य योजना है? सरकार ने यह तो कहा है कि उन्हें गिरफ़्तार नहीं किया जाएगा। पर  क्या उन्हें बांग्लादेश भेज दिया जाएगा? क्या वे यहीं बने रहेंगे, बस उन्हें सरकारी सुविधाएँ नहीं मिलेंगी?