असम की लड़ाई इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच की लड़ाई है। इस लड़ाई में क्षेत्रीय पार्टियाँ, असम गण परिषद (एजीपी) और बोडो पीपल्स फ्रंट (बीपीएफ़) बीजेपी के साथ हैं और एनडीए का हिस्सा। इस चुनावी संघर्ष में इत्र व्यापारी बदरुद्दीन अज़मल वाली एआईयूडीएफ़ एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। चुनाव की सुगबुगाहट शुरू होते ही इस अफ़वाह ने ज़ोर पकड़ा था कि कांग्रेस बदरुद्दीन अज़मल की पार्टी के साथ गठबंधन करेगी ताकि अल्पसंख्यक वोटों का बँटवारा न हो। लेकिन फ़िलहाल ऐसा कोई गठबंधन नहीं हुआ और अब अल्पसंख्यक वोटों के बँटने की संभावना प्रबल हो गई है। इन वोटों के बँटवारे की वजह से ही असम में भारतीय जनता पार्टी को हमेशा फ़ायदा होता रहा है और 2014 में उसकी सीटें 4 से बढ़ कर 7 हो गईं।