loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
51
एनडीए
29
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
222
एमवीए
54
अन्य
12

चुनाव में दिग्गज

पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व

आगे

हेमंत सोरेन
जेएमएम - बरहेट

आगे

फ़ोटो साभार: ट्विटर/@MPAbdulKhaleque

असम में बुलडोजर क्यों चला? जानिए, निशाने पर कौन

असम के नगांव में अधिकारियों ने रविवार को उन कई परिवारों के घरों को ध्वस्त कर दिया जो कथित तौर पर पिछले दिनों जिले के एक पुलिस स्टेशन में आग लगाने में शामिल थे। हालाँकि, एक रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से कहा गया है कि यह कार्रवाई अवैध कब्जे हटाने के तौर पर की गई है।

एक स्थानीय व्यक्ति की कथित तौर पर हिरासत में मौत के एक मामले के बाद लोगों का ग़ुस्सा फूट पड़ा था। रिपोर्टों के अनुसार सलोनाबोरी गांव के लोगों की भीड़ ने शनिवार दोपहर ढिंग क्षेत्र में बटाद्रवा पुलिस स्टेशन के एक हिस्से में आग लगा दी थी। इसी बीच रिपोर्ट आई कि रविवार को बुलडोजर ने कई घरों को ध्वस्त कर दिया। 

विध्वंस के बाद बारपेटा के कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने ट्वीट किया, 'हम पुलिस थाने पर हमले का कभी समर्थन नहीं करते। लेकिन पुलिस द्वारा हमलावरों के घरों पर बुलडोजर चलाना सीधे तौर पर मानवाधिकारों का उल्लंघन है।'

यह मामला मछली व्यापारी सोफिकुल इसलाम से जुड़ा है। पुलिस के अनुसार सलोनाबोरी गांव के एक मछली व्यापारी सोफिकुल इसलाम को शुक्रवार रात इस शिकायत के आधार पर पुलिस स्टेशन लाया गया था कि वह शराब के नशे में था।

बाद में अगले दिन ख़बर आई कि सोफिकुल की मौत हो गई है। मौत के कारण बनने वाली घटनाओं पर विवाद है। पुलिस ने दावा किया कि उसकी पत्नी द्वारा उसे अस्पताल ले जाने के बाद उसकी मृत्यु हो गई। जबकि मृतक के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसने उसे अस्पताल में मृत पाया।

ताज़ा ख़बरें

असम के पुलिस महानिदेशक ने एक बयान में कहा है कि 'सोफिकुल को रिहा कर दिया गया और शनिवार सुबह उसकी पत्नी को सौंप दिया गया। उसकी पत्नी ने उसे कुछ पानी-खाना भी दिया। बाद में उसने बीमारी की शिकायत की और उसे एक के बाद एक दो अस्पतालों में ले जाया गया। दुर्भाग्य से उसे मृत घोषित कर दिया गया।'

पुलिस के इस दावे को इसलाम के परिवार वालों ने खारिज किया है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, उनके परिवार वालों ने दावा किया कि बटाद्रवा स्टेशन पर पुलिस ने उसकी रिहाई के लिए 10,000 रुपये और एक बत्तख की रिश्वत की मांग की थी। रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीणों ने कहा कि इसलाम की पत्नी शनिवार की सुबह बत्तख लेकर थाने पहुंची थी। ग्रामीणों ने कहा, 'जब वह बाद में पैसे लेकर लौटी, तो उसे पता चला कि उसके पति को नगांव सिविल अस्पताल ले जाया गया है। वहां पहुंचने के बाद उसने उसे मृत पाया।' 

 

बहरहाल, सोफिकुल की मौत की सूचना पर ग्रामीणों ने ग़ुस्सा जाहिर किया। उस घटना में हिंसा हुई और उसी दौरान पुलिस थाने के एक हिस्से में आग लगा दी गई। इस घटनाक्रम के बाद नगांव ज़िला प्रशासन ने शनिवार को मौत की न्यायिक जाँच के आदेश दिए और पुलिस ने बटाद्रवा स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को निलंबित कर दिया।

असम डीजीपी ने ट्वीट किया, 'उस दिन बाद में स्थानीय बदमाशों ने क़ानून अपने हाथ में ले लिया और थाने को जला दिया। ये बदमाश स्त्री, पुरुष, युवा और वृद्ध सभी रूपों में आए। लेकिन जिस तैयारी के साथ वे आए, पुलिस पर उन्होंने जो क्रूर, संगठित हमला किया, उसने हमें गहराई से सोचने पर मजबूर कर दिया है।'

असम से और ख़बरें

पुलिस के अनुसार, असम में शनिवार को हिंसा के मामले में 21 लोगों को हिरासत में लिया गया था। 

बता दें कि इस मामले में ही असम पुलिस ने आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलवाया है। ऐसी ही बुलडोजर की कार्रवाई मध्य प्रदेश और दिल्ली में हाल में विवादित रही है। दिल्ली में एक शोभायात्रा में सांप्रदायिक झड़प के बाद प्रशासन ने कार्रवाई की थी। उसने अवैध निर्माण ध्वस्त करने के नाम पर बुलडोजर से कई घर ढहा दिए थे। इससे पहले मध्य प्रदेश के खारगोन में भी ऐसी ही शोभायात्रा में झड़प होने के बाद पुलिस ने बुलडोजर से कार्रवाई की। आरोप लगाया गया कि एक समुदाय विशेष के ख़िलाफ़ बुलडोजर चलाकर घर ढहाए गए। दिल्ली में अप्रत्यक्ष तौर पर बीजेपी की केंद्र सरकार का नियंत्रण है जबकि मध्य प्रदेश और असम में बीजेपी की सरकार है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

असम से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें