ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के नेता बदरुद्दीन अजमल असम विधानसभा चुनाव के केंद्र बिंदु बन गए हैं। उन्होंने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सब कुछ दांव पर लगा दिया है। दूसरी तरफ इस गठबंधन से आशंकित बीजेपी खुलकर सांप्रदायिक कार्ड खेल रही है।
असम चुनाव: बदरुद्दीन अजमल तय करेंगे कि बीजेपी जीतेगी या हारेगी?
- असम
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- 10 Feb, 2021

असम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, एआईयूडीएफ और वामपंथी दलों ने "महागठबंधन" बनाकर चुनाव लड़ने का एलान किया है। इस "महागठबंधन" की नजर कम से कम 18 निर्वाचन क्षेत्रों में बीजेपी उम्मीदवारों को हराने पर है, इन सीटों पर बीजेपी 2016 के चुनाव में कांग्रेस और अजमल के एआईयूडीएफ के बीच मुसलिम वोटों के विभाजन के कारण जीती थी।
"बदरुद्दीन कौन है?" 2006 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले असम के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी तरुण गोगोई ने यह बात पूछी थी। जब गोगोई की यह उपेक्षापूर्ण टिप्पणी परफ्यूम बैरन कहे जाने वाले मौलाना बदरुद्दीन अजमल के कानों तक पहुंची, तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की।
इसके बजाय उन्होंने चुनाव परिणामों का इंतजार किया। अजमल ने कांग्रेस विरोधी रुख के साथ चुनाव लड़ा था और इसके परिणाम सामने आए। 2005 में उन्होंने जिस एआईयूडीएफ की स्थापना की, उसने सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ अपनी पहली चुनावी लड़ाई में 126 विधानसभा सीटों में से 10 पर जीत हासिल की थी।