गुवाहाटी में जिस होटल में शिवसेना के बागी ठहरे हुए हैं, उसके बाहर तृणमूल कांग्रेस ने आज सुबह बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वालों ने असम की सत्तारूढ़ बीजेपी पर महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार को गिराने के लिए गलत तरीक़े अपनाने का आरोप लगाया। उनका यह भी आरोप है कि शिवसेना के तख्तापलट को अंजाम देने के लिए बीजेपी ने अपने सभी संसाधनों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने जमकर नारेबाजी की।
विरोध का नेतृत्व तृणमूल कांग्रेस के असम प्रमुख रिपुन बोरा ने किया। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को काबू में रखने की कोशिश की।
तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने राज्य में भारी बाढ़ से प्रभावित लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए कुछ नहीं किया है। ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों के बढ़ते पानी के कारण आई बाढ़ से 55 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। मई से अब तक बाढ़ में 89 लोगों की मौत हो चुकी है।
एकनाथ शिंदे के समर्थकों का दावा है कि लगभग 40 विधायक होटल में हैं जो दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता के जोखिम से बचने के लिए ज़रूरी संख्या 37 से अधिक है। हालाँकि, सूत्रों के हवाले से ख़बर आ रही है कि शिवसेना के बागियों की अभी भी पर्याप्त संख्या नहीं है और इसी कारण वे अगले क़दम का इंतज़ार कर रहे हैं।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गठबंधन को गिराने और नई सरकार स्थापित करने के लिए महाराष्ट्र में इसे बीजेपी के 'ऑपरेशन लोटस' के रूप में देखा जा रहा है। हालाँकि बीजेपी ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि उसका संकट से कोई लेना-देना नहीं है और यह शिवसेना की आंतरिक समस्या है। बीजेपी ने बाहरी तौर पर दूरी बनाए रखी है। लेकिन बागियों की मेजबानी तब से उन राज्यों में की जा रही है जब से वे पहली बार सोमवार की रात मुंबई से बाहर निकले। पहले वे गुजरात के होटलों में ठहरे थे और अब असम के गुवाहाटी के होटलों में ठहरे हैं।
बता दें कि शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के विद्रोह से उठे राजनीतिक तूफान के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार रात को अपना आधिकारिक आवास खाली कर दिया है। ठाकरे अब आधिकारिक सीएम आवास 'वर्षा' छोड़कर उपनगरीय बांद्रा में अपने निजी आवास 'मातोश्री' वापस चले गए हैं।
उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा है कि वह कभी भी मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। हालाँकि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपने इस्तीफे की घोषणा नहीं की है। उद्धव ठाकरे ने कल दिन में फेसबुक लाइव में कहा था कि 'अगर विधायक सामने आकर बोलें तो इस्तीफा देने को तैयार हूं'। उन्होंने कहा कि 'मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए बेकरार नहीं हूं। मैं तो संयोग से सीएम बना। शरद पवार ने प्रस्ताव किया था कि मैं मुख्यमंत्री बनूं।' हालांकि उद्धव का यह संबोधन महाराष्ट्र की जनता के नाम था लेकिन कुल मिलाकर यह संदेश बागी विधायकों और शिवसैनिकों को था।
एकनाथ शिंदे को शिवसेना विधायक दल का नेता नियुक्त करने के अलावा, बागी गुट ने एक प्रस्ताव में कहा है कि वैचारिक रूप से विरोध करने वाली कांग्रेस और शरद पवार की राकांपा के साथ गठबंधन को लेकर पार्टी कैडर में 'भारी असंतोष' है।
अपनी राय बतायें