दरांग ज़िले के सिपाझार इलाक़े में गुरुवार को अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान जो कुछ हुआ, वह असम पुलिस के चरित्र पर तो सवाल ख़ड़े करता ही है, यह सवाल भी उठाता है कि आखिर विरोध प्रदर्शन कर रही उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तय प्रोटोकॉल का पालन पुलिस ने क्यों नहीं किया?
क्या असम बीजेपी के हिन्दुत्व की प्रयोगशाला बन रहा है?
- असम
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- 24 Sep, 2021

दरांग में बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम पर मुसलमानों को निशाने पर लेकर क्या असम बीजेपी पूरे राज्य के हिन्दुओं को कोई संकेत दे रही है?
क्या पुलिस कर्मी किसी तरह के पूर्वाग्रह से ग्रस्त थे और प्रदर्शनकारियों के साथ ज़्यादती इसलिए की गई कि वे एक समुदाय विशेष के थे?
क्या पुलिस की कमान संभाल रहे व्यक्ति के राजनीतिक संपर्क होने की वजह से सारे पुलिस कर्मी पूरी तरह निश्चिन्त थे?
क्या पुलिस की कमान संभाल रहे व्यक्ति के राजनीतिक संपर्क होने की वजह से सारे पुलिस कर्मी पूरी तरह निश्चिन्त थे?