असम के नागांव जिले में ट्यूशन क्लास से घर लौट रही एक नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया है। यह घटना गुरुवार को घटी। दुष्कर्मियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर स्थानीय लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन किया है और अनिश्चितकाल के लिए बंद बुलाया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार 14 वर्षीय लड़की के साथ तीन लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया। नाबालिग लड़की को सड़क किनारे बेहोशी की हालत में पाया गया और स्थानीय लोगों ने उसे बचाया। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। उसे इलाज के लिए राज्य के नागांव जिले के ढिंग मेडिकल यूनिट में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जिसकी पहचान तफज्जुल इस्लाम के रूप में हुई है। नागांव के एसपी स्वप्ननील डेका ने संवाददाताओं से कहा, '14 वर्षीय लड़की ने हमें बताया है कि उसके साथ तीन लोगों ने बलात्कार किया है। लड़की की जांच की गई है और एक महिला अधिकारी ने उसका बयान दर्ज किया है। हमने घटनास्थल से सभी वैज्ञानिक साक्ष्य जुटा लिए हैं और मामले पर काम कर रहे हैं।'
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस घटना को मानवता के खिलाफ अपराध बताया है और डीजीपी को घटनास्थल का दौरा करने का निर्देश दिया है।
जिन अपराधियों ने ढींग की एक हिंदू नाबालिका के साथ जघन्य अपराध करने का साहस किया, उन्हें कानून छोड़ेगा नहीं। लोकसभा चुनाव के बाद एक विशेष समुदाय अत्यंत सक्रिय हो रहा है। हिंदुओं को भाषाओं के आधार पर बांटने की कोशिश से सभी को सतर्क रहना चाहिए।
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 23, 2024
मेरा प्रेस वार्तालाप: pic.twitter.com/I7W7ssHaPL
इस घटना के बाद इलाके के स्थानीय लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया है। संगठनों और निवासियों ने हमलावरों की गिरफ्तारी होने तक अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है।
महाराष्ट्र में पुणे के बदलापुर के एक स्कूल में दो बच्चियों से यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कि जब तक जनता में आक्रोश न हो तब तक पुलिस तंत्र काम नहीं करता। इसके साथ ही इसने स्कूल अधिकारियों से घटना की समय पर रिपोर्ट न करने के लिए सवाल किया और पूछा, 'अगर स्कूल सुरक्षित जगह नहीं है, तो शिक्षा के अधिकार के बारे में बोलने का क्या फायदा है?' बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है और इसी को लेकर वह सुनवाई कर रहा था।
अदालत ने बदलापुर पुलिस से पूछा कि पीड़ितों और उनके परिवारों के बयान प्रक्रिया के अनुसार समय पर क्यों नहीं दर्ज किए गए और स्कूल अधिकारियों के ख़िलाफ़ कोई त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं की गई। अदालत ने यह भी पूछा कि क्या कथित घटना जिस स्कूल में हुई, उसके ख़िलाफ़ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण पोक्सो अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किए गए थे।
अपनी राय बतायें