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फोटो क्रेडिट- @GajrajCorps_IA

असम में बाढ़: अब तक 126 लोगों की मौत, 22 लाख से ज्यादा प्रभावित

असम में बाढ़ के कहर के कारण इस साल अप्रैल से अब तक 126 लोगों की मौत हो गई है और 22 लाख से ज्यादा लोग बुरी तरह प्रभावित हैं।

बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में कछार, सिलचर, बक्सा, बारपेटा, विश्वनाथ, चिरांग, दरांग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, दीमा हसाओ, गोलपारा, गोलाघाट, हैलाकांडी, होजाई, करीमगंज, लखीमपुर, माजुली, मोरीगांव आदि हैं। 

राज्य भर में 74,706 हेक्टेयर फसल बाढ़ से प्रभावित हुई है और धान के हरे-भरे खेत बर्बाद हो चुके हैं। इस वजह से खरीफ की फसलों को जबरदस्त नुकसान हुआ है। 2,17,413 लोग 564 राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। 

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बेहद खराब हालात के बीच सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों ने ​​राहत और बचाव अभियान जारी रखा है। हालांकि बाढ़ का कहर अब थोड़ा कम हो रहा है। 

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने रविवार को सिलचर में बाढ़ के कारण बने हालात का जायजा लिया और प्रभावित लोगों के साथ ही राहत और बचाव कार्य में जुटे अफसरों से भी बातचीत की।

उन्होंने सिलचर जिले के तमाम कस्बों में मेडिकल कैंप लगाए जाने के आदेश अफसरों को दिए। हालात के बेहद खराब होने की वजह से सिलचर और अन्य इलाकों में बिजली भी रोक दी गई है। राज्य सरकार की ओर से प्रभावित लोगों को मिट्टी का तेल, बच्चों का खाना, सब्जी, दवाइयां सहित अन्य जरूरी चीजें मुहैया कराई जा रही हैं।

Assam floods death toll rises to 126 - Satya Hindi

गुवाहाटी में ठहरे हैं बागी विधायक

असम कांग्रेस ने कुछ दिन पहले गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल के बाहर प्रदर्शन किया था और यहां ठहरे हुए शिवसेना के बागी विधायकों से कहा था कि वे अपने राज्य में वापस चले जाएं। असम कांग्रेस ने कहा था कि लगभग पूरा राज्य बाढ़ की मार झेल रहा है लेकिन राज्य की बीजेपी सरकार दूसरे राज्य के विधायकों की आवभगत में लगी हुई है। इस होटल के बाहर शिवसेना की असम और एनसीपी इकाई के अलावा तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन किया था। 

मेघालय, त्रिपुरा में भी हालात खराब

पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों मेघालय और त्रिपुरा में भी बारिश की वजह से लोगों को जबरदस्त मुसीबतों का सामना करना पड़ा है।

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मेघालय में 18 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि त्रिपुरा में जोरदार बारिश के कारण 10 हजार लोग बेघर हो चुके हैं। 

त्रिपुरा में हुई बारिश पिछले 60 साल में सबसे ज्यादा है। इस वजह से शिक्षण संस्थानों को बंद करना पड़ा है। इसी तरह मेघालय के चेरापूंजी में भी 1940 के बाद सबसे ज्यादा बारिश हुई है। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने बाढ़ के कारण मारे गए लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपए की सांत्वना राशि दी है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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