दिल्ली के रामलीला मैदान में पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से पुलिस का गुणगान किया था और वहाँ मौजूद भीड़ से पुलिस की जय-जयकार करवाई थी, उसका मक़सद अब साफ़ हो चुका है। देशभर में और ख़ासतौर पर दिल्ली सहित बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक में पुलिस ने नागरिकता संशोधन क़ानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे नागरिक समाज, विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ एक तरह से युद्ध छेड़ दिया है। पुलिस का सर्वाधिक बर्बर चेहरा उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश की पुलिस जो कुछ कर रही है और पुलिस के आला अधिकारी जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल प्रदर्शनकारियों और ख़ासकर अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कर रहे हैं, उसे सिर्फ़ और सिर्फ़ गुंडागर्दी ही कहा जा सकता है।