भारतीय राजनीति में फ्रीबीज यानी मुफ्त की रेवड़ियों का लालच दिखाकर मतदाताओं को लुभाने की परंपरा कोई नई नहीं है। लेकिन हाल के दिनों में यह सवाल तेजी से उठ रहा है कि क्या ये फ्रीबीज वादे सिर्फ चुनावी जुमले हैं, जो सत्ता हासिल करने के बाद हवा में गायब हो जाते हैं? महाराष्ट्र की चर्चित ‘लाडकी बहिन योजना’ इसकी ताज़ा मिसाल बनकर सामने आई है। इस योजना का बजट 2025-26 में 10 हज़ार करोड़ रुपये कम कर दिया गया, राशि बढ़ाने की बात तो दूर, लाभार्थियों के नाम तक काटे जा रहे हैं। आखिर क्या वजह है कि वादों और हकीकत में इतना बड़ा फर्क दिख रहा है?