कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की धमाकेदार जीत की गूँज राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य को बड़े पैमाने पर प्रभावित करने जा रही है। कर्नाटक के नतीजों ने भ्रष्टाचार को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की चादर से ढकने की बीजेपी की राजनीति को तगड़ा झटका दिया है। इसी के साथ प्रधानमंत्री मोदी के विभाजनकारी इरादों को भी नकारा है। लेकिन सबसे बड़ी बात है कि कर्नाटक ने  आर्थिक और सामाजिक न्याय की राजनीति के नये दौर का ऐसा फाटक खोल दिया है जिससे गुज़रे बिना किसी भी दल को राह नहीं मिल पाएगी। कर्नाटक के चुनाव की जीत भारतीय आकाश में एक नयी कांग्रेस के उदय की भी घोषणा है जो अपने मुद्दों पर स्पष्ट है और उनके लिए ज़बरदस्त तरीक़े से जूझना जानती है।