पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का मानचित्र बिगड़ने और अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के सभी पूर्व मुख्मयमंत्री या तो गिरफ्तार कर लिए गये या फिर नज़रबंद कर दिए गये। इकलौते पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद ही थे जो आज़ाद रहे। क्या यह घटना यूं ही घटित हो गयी? या फिर गुलाम नबी आज़ाद को आज़ाद रखने की राजनीतिक वसूली की जानी तय हुई थी?
गुलाम तब थे आजाद या कि अब होने जा रहे हैं?
- विश्लेषण
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- 26 Aug, 2022

गुलाम नबी आज़ाद ने कांग्रेस पार्टी क्यों छोड़ी? उनके पार्टी छोड़ने के मायने क्या हैं और उनके इस क़दम से किसे फायदा और किसे नुक़सान होगा?
अगस्त 2020 में जी-23 समूह बना। फरवरी 2021 में गुलाम नबी आज़ाद का राज्यसभा में कार्यकाल पूरा हो गया और विदाई भाषण में नरेंद्र मोदी खुद भी भावुक हुए और आज़ाद को भी भावुक कर दिया। 25 जनवरी 2022 को गुलाम नबी आज़ाद को पद्म भूषण देने का एलान भारत सरकार ने किया। अगस्त आते-आते गुलाम ने कांग्रेस से खुद को आज़ाद कर दिखलाया।